हकीकत इससे उलट है। मेरठ में पिछले 24 घंटे में दो रिश्वतखोर कर्मचारी रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए हैं। इनमें से एक पुलिस विभाग का दरोगा है और दूसरा चकंबदी अधिकारी का पेशकार है।
Meerut News : मेरठ में 24 घंटे में पकड़े गए दो रिश्वतखोर, विवेचना से नाम निकालने को दरोगा ने मांगी 20 हजार की रिश्वत
Sep 21, 2024 22:16
Sep 21, 2024 22:16
- बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी का पेशकार रिश्वत लेता गिरफ्तार
- मेरठ में सात माह में पकड़े गए छह रिश्वतखोर सरकारी कर्मचारी
- कहीं ठेकेदार से बिल पास करने पर मांगी रिश्वत तो कहीं मीटर लगवाने के नाम रिश्वत
20 हजार की कर रहा था डिमांड
मेरठ में शुक्रवार को 20 हजार की मांग करने वाला बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी के पेशकार को विजिलेंस की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा। पेशकार के खिलाफ थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस घटना के ठीक दूसरे दिन यानी आज शनिवार को मेरठ में एंटी करप्शन टीम ने अब्दुल्लापुर चौकी पर तैनात रिश्वतखोर दरोगा को बीस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोप है कि दरोगा विक्रम सिंह अपने हलके के एक युवक से मारपीट के मुकदमे में नाम निकालने के बीस हजार रुपए मांग रहा था। युवक ने जब रिश्वत देने में अपनी मजबूरी बताई तो दरोगा ने उसको जेल भेजने की धमकी दी और परेशान करने लगा। एंटी करप्शन के एक अधिकारी ने बताया कि एंटी करप्शन को शिकायतकर्ता अब्दुल्लापुर के रहने वाले इमरान चौहान ने सूचना दी थी कि एएसआई उससे 20 हजार रुपये रिश्वत के मांग रहा है।
रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया
युवक इमरान चौहान की शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर आरोपी दरोगा को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एंटी करप्शन की टीम ने दरोगा के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
इमरान के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया
पीड़ित इमरान चौहान ने मीडिया को बताया कि उसके बेटे का गांव के रईस नामक युवक के बेटे से झगड़ा हुआ था। पुलिस ने रईस से मिलकर कर इमरान के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया। दरोगा विक्रम ने इमरान से मुकदमे में विवेचना के दौरान नाम निकालने के लिए 20 हजार रुपए की डिमांड की।
छह बीघा चक के विवाद को निपटाने के लिए मांग रिश्वत
वहीं दूसरी ओर बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी का पेशकार 20 हजार की रिश्वत लेता विजिलेंस टीम द्वारा दबोच लिया गया। आरोपी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज कर किया है। बताया जाता है कि जैनपुर निवासी सोहनवीर विजिलेंस विभाग मेरठ सेक्टर में शिकायत की थी।
पक्ष में फैसला कराने की एवज में मांग रहा था 20 हजार रुपये रिश्वत
सोहनवीर के अनुसार हस्तिनापुर के गांव बिसौला में उसकी मां प्रकाशी का छह बीघा का चक है। जिसका वाद चकबंदी अधिकारी बंदोबस्त के यहां काफी समय से चल रहा है। बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी का पेशकार विकाश उनके पक्ष में फैसला कराने की एवज में 20 हजार रुपये रिश्वत मांग रहा था। शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाते हुए सोहनवीर से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए विकास को दबोच लिया।
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