कूष्मांडा देवी को कद्दू के हलवे व पेठे का भोग अति प्रिय है। जो लोग अपने जीवन में चंद्रमा के दुष्प्रभाव दूर करना चाहते हैं और आयु, यश और बल के प्राप्ति के साथ रोग, शोक का नाश करना चाहते हैं वे लोग श्रद्धापूर्वक नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा देवी की आराधना करें और उनके प्रिय भोग को अर्पित करें।
चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन : यश प्राप्ति, रोग-शोक नाश के लिए कूष्मांडा देवी की इस विधि से करें पूजा
Apr 12, 2024 01:05
Apr 12, 2024 01:05
- आज चैत्र नवरात्र के चौथे दिन दुर्गा कूष्मांडा देवी की पूजा का विधान
- कूष्मांडा देवी के भोग का अति विशेष समय शाम 5 बजे से रात्रि 9 तक
- ब्रह्माड को उत्पन्न करने वाली शक्ति के रूप में जानी जाती हैं मां कूष्मांडा
कूष्मांडा देवी को कद्दू के हलवे व पेठे का भोग अति प्रिय
कूष्मांडा देवी को कद्दू के हलवे व पेठे का भोग अति प्रिय है। जो लोग अपने जीवन में चंद्रमा के दुष्प्रभाव दूर करना चाहते हैं और आयु, यश और बल के प्राप्ति के साथ रोग, शोक का नाश करना चाहते हैं वे लोग श्रद्धापूर्वक नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा देवी की आराधना करें और उनके प्रिय भोग को अर्पित करें। मां कूष्मांडा की पूजा के दौरान 'ऊँ कूष्माण्डायै नमः' का जाप करना चाहिए। कूष्मांडा देवी के भोग का अति विशेष समय शाम 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक का है।
इस बार चैत्र नवरात्र पर चतुर्थ दिन पर विशेष
इस बार शुक्रवारीय, चतुर्थ नवरात्र को कालरात्रि देवी की आराधना के साथ शुक्र ग्रह और वृष, तुला राशि से सम्बंधित व्यक्ति महाविद्या कमला देवी की आराधना भी अवश्य करें। इस दौरान ॐ कमला देव्यै नम: और शुक्र मंत्र-ॐ शुं शुक्राय नम: का जाप जरूरी है। इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण कर शुक्र ग्रह और महाविद्या कमला देवी का मंत्र जपें। जिससे आप सुदृढ़ आर्थिक स्थिति, वैभव का आशीर्वाद मां से प्राप्त कर सकें। वृष, तुला राशि के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों को भी शुक्र ग्रह संबंधी पीड़ा दूर करने और आर्थिक संपन्नता की कृपा प्राप्त करने के लिए महाविद्या कमला देवी की आराधना और शुक्र ग्रह के उपाय तथा शुक्र ग्रह संबंधी अपने निर्धारित कर्म भी अवश्य करने चाहिए।
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