छठे नवरात्र को सभी पितरों का ध्यान करके तर्पण अवश्य करें और यदि सम्भव हो तो अपने पिता से मीठा फल प्राप्त कर गुलाब के इत्र सहित मेहंदी, बिंदी, काजल कात्यायनी मां को अर्पित...
Meerut News : चैत्र नवरात्र षष्ठी तिथि : विवाह में आई अड़चनों को दूर करतीं हैं मां कात्यायनी, ऐसे करें पूजा उपासना
Apr 14, 2024 09:16
Apr 14, 2024 09:16
- आज चैत्र नवरात्र की षष्ठी तिथि को कात्यायनी की पूजा का विधान
- कन्याओं के विवाह की अड़चनें दूर करती है नवरात्र में कात्यायनी की विशेष पूजा
- नवरात्र के छठें दिन पितरों का ध्यान करके तर्पण जरूर करें
यमुना नदी के किनारे देवी कात्यायनी की उपासना
वृंदावन की गोप बालाओं ने परमात्मा कृष्ण को परम पति के रूप में पाने के लिए यमुना नदी के किनारे देवी कात्यायनी की उपासना की थी इसलिए कात्यायनी देवी उन्ही परमात्मा की महाशक्ति है जो इच्छित वर का वरदान प्रदान करती है।
छठे नवरात्र को सभी पितरों का ध्यान करके तर्पण अवश्य करें और यदि सम्भव हो तो अपने पिता से मीठा फल प्राप्त कर गुलाब के इत्र सहित मेहंदी, बिंदी, काजल कात्यायनी मां को अर्पित करें। कात्यायनी मां के विशेष पूजन व भोग प्रसाद का समय शाम 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक है। मां का विशेष भोग आटे का हलवा, सेब और मीठा पान हैं।
विशेष: रविवारीय, छठे नवरात्र को आप ब्रह्मचारिणी देवी की आराधना के साथ, सूर्य ग्रह और सिंह राशि से सम्बंधित व्यक्ति महाविद्या मातंगी देवी की आराधना भी अवश्य करें।
इन विशेष मन्त्रों का करें जाप
ॐ मातंग्यै नम:
सूर्य मन्त्र - ॐ सूर्याय नम:
इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण कर सूर्यदेव को जल में लाल चन्दन, रोली व गुड़हल का पुष्प डाल कर अर्घ्य प्रदान करें। जिससे आप सफल गृहस्थ जीवन और श्रेष्ठ फल का आशीर्वाद माँ से प्राप्त कर सकें। सिंह राशि के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों को भी सूर्य सम्बन्धी कष्ट दूर करने के लिए महाविद्या मातंगी देवी की आराधना और सूर्य ग्रह के उपाय तथा सूर्य से सम्बन्धी अपने निर्धारित कर्म भी अवश्य करने चाहियें।
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