सोनभद्र में दलित महिलाओं से मारपीट : तोड़फोड़ और धमकी के मामले में 8 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश

तोड़फोड़ और धमकी के मामले में 8 पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश
UPT | जनपद एवं सत्र न्यायालय सोनभद्र

Nov 15, 2024 00:42

रॉबर्ट्सगंज स्थित विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट, आबिद शमीम की अदालत ने एक महत्वपूर्ण मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए तत्कालीन चुर्क चौकी इंचार्ज कमल नयन दुबे सहित आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

Nov 15, 2024 00:42

Sonbhadra News : सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज स्थित विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट, आबिद शमीम की अदालत ने एक महत्वपूर्ण मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए तत्कालीन चुर्क चौकी इंचार्ज कमल नयन दुबे सहित आठ पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश मुनिया पत्नी कुमार घसिया, निवासी रौप घसिया बस्ती, द्वारा दाखिल एक शिकायत के आधार पर दिया गया है। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पुलिसकर्मियों ने दलित महिलाओं के साथ मारपीट, घर में तोड़फोड़ और नगदी लूटपाट की थी।

रात के समय पुलिसकर्मियों ने की थी बर्बरता
शिकायत के अनुसार, यह घटना 12/13 जुलाई की रात लगभग 2 बजे की है, जब तत्कालीन चुर्क चौकी इंचार्ज कमल नयन दुबे और सात अन्य पुलिसकर्मी वर्दी में लाठी लेकर घसिया आदिवासी बस्ती में घुसे थे। आरोप है कि उन्होंने मुनिया समेत कई दलित महिलाओं को घर से बाहर खींचकर बेरहमी से पीटा और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित किया। घटना के दौरान, महिलाओं के घरों में घुसकर लाठी से सामान को तोड़ा गया और एक महिला की आलमारी से 10 हजार रुपये की नगदी भी चोरी कर ली गई।



पिटाई के साथ छेड़छाड़ के भी गंभीर आरोप
पीड़ित महिलाओं ने आरोप लगाया है कि मारपीट के दौरान उनके साथ छेड़छाड़ भी की गई। जब महिलाओं ने इस मामले की शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें धमकाया कि अगर उन्होंने कोई शिकायत की तो उनका इनकाउंटर कर दिया जाएगा। इस घटना की सूचना रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में देने पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें भगा दिया और उनका इलाज भी नहीं कराया गया।

कोर्ट ने माना गंभीर अपराध, दर्ज होगा मुकदमा
अंततः पीड़ित महिलाओं ने 19 जुलाई को अपने चोटों का इलाज कराया और 20 जुलाई को सोनभद्र के एसपी को रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से शिकायत भेजी। कोई कार्रवाई न होने पर, मुनिया ने 26 जुलाई को अदालत में शिकायत दर्ज कराई। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए तत्कालीन चुर्क चौकी इंचार्ज और अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ रॉबर्ट्सगंज कोतवाल को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही, मामले की विवेचना किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से कराने का निर्देश दिया गया है।

न्याय की उम्मीद में दलित महिलाएं
इस आदेश से पीड़ित महिलाएं न्याय की उम्मीद कर रही हैं, जिनके साथ कथित तौर पर अत्याचार हुआ था। अदालत के आदेश के बाद यह मामला एक बार फिर चर्चा में है और इसने पुलिस विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही के सवाल खड़े कर दिए हैं। मामले की पूरी जांच के बाद ही वास्तविकता का पता चलेगा, लेकिन कोर्ट के इस आदेश ने दलित महिलाओं की लड़ाई को नई दिशा दी है।

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