भैया दूज : बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा, भाई-बहन के मजबूत रिश्ते का प्रतीक है यह पर्व 

बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा, भाई-बहन के मजबूत रिश्ते का प्रतीक है यह पर्व 
UPT | भैया दूज का पर्व मनाते भाई-बहन।

Nov 03, 2024 21:27

गोवर्धन पूजा के बाद रविवार को भैया दूज का पर्व मनाया गया। माहत्मा विदुर की धरती बिजनौर में भी इस पर्व को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। यहां पर भैया दूज मनाने वाली महिलाओं ने इसको मनाने के पीछे की कहानी सुनाई। 

Nov 03, 2024 21:27

Bijnor News : गोवर्धन पूजा के बाद रविवार को भैया दूज का पर्व धूमधाम से मनाया गया। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में इस पर्व को लेकर विशेष उत्साह और उल्लास देखा गया। इस अवसर पर बहनों ने अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा और इस विशेष दिन को मनाने की पारंपरिक विधियों का पालन किया। भैया दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाने का प्रतीक है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भैया दूज के दिन बहनें व्रत रखती हैं और विशेष कथा सुनती हैं। इस कथा में बहन अपने भाई को श्राप देती है, लेकिन फिर उस श्राप से मुक्ति की भी कामना करती है। कथा सुनने के बाद, बहनें अपने भाइयों को मिठाई खिलाकर व्रत को पूर्ण करती हैं और उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं।

सुबह से ही पूजा की विशेष तैयारियां कीं 
एक व्रती महिला, शीतल गुप्ता ने बताया कि बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु के लिए भैया दूज का व्रत रखती हैं। उन्होंने कहा, "भैया दूज पर हम लोग आधे दिन का व्रत रखते हैं और सुबह से ही पूजा की विशेष तैयारियां करते हैं। हम भाई को तिलक कर गोला खिलाने की रस्म निभाते हैं।" यह प्रथा भाई-बहन के संबंध को और भी मजबूत बनाती है और भाई की सुरक्षा के लिए एक अभिव्यक्ति होती है। भैया दूज के व्रत में दो प्रमुख कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा भाट-भाटिन की है, जिसमें भाटिन अपनी भाई की लंबी आयु के लिए उसे श्राप देती है। श्राप देने का कारण यह है कि भाटिन को पता चल जाता है कि उसका भाई शादी के दिन मरने वाला है। वह अपने भाई की सलामती के लिए दिनभर बैठकर उसे श्राप देती रहती है कि वह मर न जाए और उसकी शादी हो जाए। भाटिन अपने भाई की रक्षा के लिए सात मन का तावा गिराती है, जिससे उसका भाई बच जाता है। इसीलिए भैया दूज के दिन बहनें अपने भाइयों की सलामती के लिए व्रत रखती हैं। एक अन्य व्रती महिला ने कहा, "यह पर्व भाई-बहन के प्यार और समर्पण का प्रतीक है। कथा के अनुसार, भाई के ऊपर सात मन का तवा रखा जाता है और फिर बहन अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए पूजा करती हैं।"

सामाजिक बंधन को भी मजबूत करता है यह पर्व 
भैया दूज का यह पर्व न केवल भाई-बहन के रिश्ते को सशक्त बनाता है, बल्कि सामाजिक बंधन को भी मजबूत करता है। इस दिन भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति अपनी भावनाओं का इजहार करते हैं, और यह पर्व सभी के लिए खुशियों और समर्पण का प्रतीक बन जाता है। बिजनौर में इस दिन का उत्सव और भी विशेष था, जहाँ महिलाओं ने एकत्र होकर अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना की और इस विशेष पर्व का आनंद लिया।

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