मुरादाबाद के लिए गौरव के पल : पीतल नगरी के हस्तशिल्प कारीगर बाबूराम यादव को मिला पद्मश्री

पीतल नगरी के हस्तशिल्प कारीगर बाबूराम यादव को मिला पद्मश्री
Uttar Pradesh Times | बाबूराम यादव

Jan 26, 2024 15:44

पुरस्कार के लिए शिल्पगुरु बाबूराम यादव का चयन किया गया है। यह पुरस्कार पिछले साल गणतंत्र दिवस पर शिल्पगुरु दिलशाद हुसैन को दिया गया...

Jan 26, 2024 15:44

Short Highlights
  • पीतल के बर्तन और सुंदर नक्काशी के लिए प्रसिद्द शहर  
  • 1962 में सीखा यह हुनर अब बेटे संभाल रहे विरासत 
  • लोगों के बधाई फोन आने पर हुआ विश्वास
Moradabad News : पुरस्कार के लिए शिल्पगुरु बाबूराम यादव का चयन किया गया है। यह पुरस्कार पिछले साल गणतंत्र दिवस पर शिल्पगुरु दिलशाद हुसैन को दिया गया था। बीते बृहस्पतिवार को करीब 12 बजे दिल्ली से फोन कर यह जानकारी दी गई, जिसके बाद परिवार में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हस्तशिल्पी कारीगरों की जब इस बात की जानकारी हुई तो उसके बाद उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शिल्प गुरु अवार्ड से सम्मानित किया गया था। 

पीतल के बर्तन और सुंदर नक्काशी के लिए प्रसिद्द शहर  
दुनिया भर में पीतल नगरी के नाम से जाना जाने वाला मुरादाबाद हस्तशिल्पी कारीगरों के शिल्पगुरु के लिए सन 2023 और 2024 बहुत ही सम्मान पूर्ण रहा है। 2023 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर शिल्पगुरु दिलशाद हुसैन को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस बार भी पद्मश्री पुरस्कार के लिए मुरादाबाद के बंगला गांव के रहने वाले बाबूराम यादव को इस पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। वे पद्मश्री पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में जल्द ही सम्मलित होकर यह पुरस्कार राष्ट्रपति से प्राप्त करेंगे। बाबूराम ने सबसे पहले 1962 से नक्काशी करने का काम शुरू किया था। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपने इस हुनर के जरिए उन्होंने पीतल के बर्तन और प्लेटों पर सुंदर नक्काशियां बनाकर सजाया। जिसके लिए उन्हें 1985 में स्टेट अवार्ड,1992 में नेशनल अवार्ड और 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा शिल्पगुरु अवार्ड से सम्मानित किया गया था। 

1962 में सीखा यह हुनर अब बेटे संभाल रहे विरासत 
1962 में परिवार का पालन पोषण करने के लिए हरपाल नगर के शिल्पकार अमर सिंह के यहां जाकर पीतल की प्लेट पर नक्काशी करना सीखा। अपनी नक्काशी कर पीतल की प्लेटों को लेकर देश भर में आयोजित होने वाले फेयर में लेकर जाते थे। आज भी शिल्पगुरु बाबूराम अपने द्वारा तैयार किया गया पीतल का सामान दिल्ली के सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्री को भेजते हैं। यहीं से शिल्पगुरु की पहचान बढ़ती चली गयी। बाबूराम के बेटे अशोक यादव, हरिओम यादव और चंद्र प्रकाश यादव अपने पिता से इस हुनर की बारीकियों को सीख रहे हैं। तीनों बेटे भी अपने पिता की इस विरासत को संभाल रहे है। 

लोगों के बधाई फोन आने पर हुआ विश्वास
शिल्पगुरु बाबूराम यादव की पत्नी मुन्नी यादव ने बताया कि बीते ब्रस्पतिवार को करीब 12 बजे दिल्ली से फोन आया था। पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ लेकिन जैसे ही इसके बारे में लोगों को जानकारी हुई उन्होंने बधाई देने के लिए फोन करना शुरू किया और लोग घर पर आना शुरू हो गए। तब जाकर विश्वास हुआ कि उनके पति को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। उसके बाद तो परिवार के लोगो में खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।  

Also Read

जेठ को गोली मारने के मामले में छोटे भाई की पत्नी गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला

22 Nov 2024 09:51 PM

मुरादाबाद Moradabad News : जेठ को गोली मारने के मामले में छोटे भाई की पत्नी गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला

छजलैट थाना क्षेत्र के ग्राम रमपुरा उर्फ रामनगर में जमीनी विवाद को लेकर दोनों सगे भाइयों में काफी समय से विवाद चल रहा था। विवाद के चलते.... और पढ़ें