नदियों व झीलों के रूप में होगी रामपुर की पहचान : शहर विधायक ने डीएम को लिखा पत्र, जानिए क्या की मांगें...

शहर विधायक ने डीएम को लिखा पत्र, जानिए क्या की मांगें...
UPT | शहर विधायक आकाश सक्सेना

Jun 25, 2024 00:47

अब नदियों व झीलों के रूप में रामपुर की पहचान होगी। इसके लिए शहर विधायक आकाश सक्सेना ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि रामपुर की विरासत को फिर से...

Jun 25, 2024 00:47

Rampur News : अब नदियों व झीलों के रूप में रामपुर की पहचान होगी। इसके लिए शहर विधायक आकाश सक्सेना ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि रामपुर की विरासत को फिर से उभारने के लिए जरूरी है कि रामपुर के प्राकृतिक संसाधन पुर्नजीवित हों। इसलिए, वर्तमान परिवेश को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि 1954 के आधार वर्ष और नक्शे के अनुरूप नदियों व झीलों को पूर्व स्वरूप वापस दिलाया जाए।

अतिक्रमण से प्रभावित हो रहा नदियों का स्वरूप
प्रदेश सरकार का पूरा जोर प्राकृतिक संसाधनों की हिफाजत करना है। इसलिए, सरकारी जमीनों, तालाबों, नदियों, झीलों को अतिक्रमण मुक्त कराने की दिशा में तेजी से कदम आगे बढ़ाए जा रहे हैं। सिर्फ रामपुर की ही बात की जाए तो यहां कोसी नदी, गागन नदी, घूघा नदी, पीलाखार नदी, नाहल नदी, बाह नदी, सैंजनी नदी, भाकड़ा नदी, धीमरी नदी, कच्चिया नदी, हाथी चिंघाड़ नदी के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो गया है। जिससे इन नदियों का स्वरूप प्रभावित हो गया है। नदियों की जमीनों पर खेती हो रही है। यहां तक कि मकान और बड़ी-बड़ी इमारतें बनकर तैयार हो गई हैं। बिलासपुर क्षेत्र में नदी की जमीन पर प्लाटिंग चल रही है। शाहबाद और बिलासपुर की मोती झील व गौर झील भी जलसंरक्षण का अच्छा स्त्रोत थीं, लेकिन इन पर भी अतिक्रमण हो गया। जिसके कारण झीलों का अस्तित्व संकट में है।
 
प्लाटिंग एवं अवैध खनन से नदी का रूप परिवर्तित 
ऐसे में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण व सरकारी संपत्तियों को बचाने के लिए शहर विधायक आकाश सक्सेना ने जिलाधिकारी जोगेंद्र सिंह को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा है कि कोसी नदी का स्वरूप अवैध प्लाटिंग एवं अवैध खनन करने वालों ने पूर्ण रूप से परिवर्तित कर दिया गया है। तहसील स्वार और टांडा के साथ ही तहसील सदर में भी नदी सिकुड़ गई है। गांधी समाधि के समीप कोसी नदी का स्वरूप बदलने पर कुछ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज की गई, लेकिन इसके बाद आगे कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। 

नदियों के जीर्णांद्वार के लिए भी चलाया जाए अभियान 
उन्होंने कहा है कि 1954 के आधार वर्ष रिकॉर्ड और नक्शे के अनुसार कोसी नदी सहित रामपुर जिले की सभी नदियों, झीलों को पुराने स्वरूप में वापस किया जाए। साथ ही नदियों के जीर्णांद्वार के लिए भी अभियान चलाया जाए, ताकि बारिश के पानी को नदियों में संरक्षित कर किसानों की सिंचाई के लिए प्रयोग में लाया जा सके और रामपुर के भूगर्भ जलस्तर में भी सुधार हो सके।

नदी की धारा बदली, तो खाली जमीन पर हो किसानों का अधिकार
शहर विधायक आकाश सक्सेना ने कहा है कि अवैध खनन की वजह से कोसी नदी की धारा कई बार बदली। नियमानुसार जब नदी अपनी धारा बदलती है, तो रिक्त भूमि किसानों को आवंटित की जाती है, लेकिन रामपुर में इस पर भी कोई अमल नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों के संरक्षण के लिए यह आवश्यक है कि जिला प्रशासन के स्तर पर कोसी नदी की धार परिवर्तित होने की दशा में रिक्त भूमि पर किसानों का अधिकार हो। 

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