खाद्य सुरक्षा और जीएसटी विभाग की संयुक्त टीम ने शहर भर के हलवाइयों और होटलों पर छापेमारी करते हुए खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए। जिससे हलवाई और व्यापारी समुदाय में गहरा असंतोष फैल गया।
प्रशासन की कार्रवाई से नाराज हलवाई व्यापारी : एसडीएम को दी धर्म परिवर्तन की धमकी, कहा - पक्षपात वाले रवैये से हैं परेशान
Oct 17, 2024 17:50
Oct 17, 2024 17:50
एसडीएम से की मुलाकात
हलवाई व्यापारियों ने इस मामले को लेकर एसडीएम से मुलाकात की और त्योहार के समय सैंपलिंग बंद कराने की मांग की। व्यापारियों ने सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि यदि प्रशासन ने सैंपलिंग की कार्रवाई बंद नहीं की तो वे सामूहिक रूप से मुस्लिम धर्म अपनाने पर मजबूर हो जाएंगे।
सैंपलिंग बंद नहीं हुई तो करेंगे धर्म परिवर्तन
हलवाई व्यापार एसोसिएशन के अध्यक्ष मन्तेश वार्ष्णेय ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। उनका कहना था कि हर साल प्रशासन होली, दीपावली और अन्य प्रमुख त्योहारों पर सैंपलिंग और छापेमारी की कार्रवाई करता है, जिससे व्यापारी वर्ग पर अतिरिक्त दबाव बनता है। उन्होंने कहा कि किसी भी हलवाई या व्यापारी की मंशा अशुद्ध भोजन बेचने की नहीं होती लेकिन प्रशासन का रवैया ऐसा है जैसे सभी हिंदू व्यापारी चोर हों। व्यापारियों का कहना है कि वे सैंपलिंग के विरोध में नहीं हैं लेकिन त्योहारों के दौरान की जाने वाली सख्ती और उत्पीड़न असहनीय है। यदि प्रशासन ने दो दिन के भीतर सैंपलिंग बंद नहीं की तो वे बाजार बंद कर जिलाधिकारी को अपनी दुकानों की चाबी सौंप देंगे। साथ ही सभी व्यापारी सामूहिक रूप से मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
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व्यापारियों की समस्याएं
मनोज कुमार, एक अन्य व्यापारी ने बताया कि जीएसटी और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमें त्योहार के समय न केवल सैंपलिंग करती हैं बल्कि अतिक्रमण के नाम पर भी व्यापारियों को परेशान करती हैं। उनका कहना था कि व्यापारियों को इस समय व्यापार बढ़ाने की जरूरत होती है लेकिन प्रशासन की कार्रवाई उन्हें और अधिक परेशान कर रही है। व्यापारियों ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि जब किसी अन्य संप्रदाय के लोगों ने अतिक्रमण का विरोध किया, तो प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई रोक दी। इससे यह प्रतीत होता है कि प्रशासन हिंदू व्यापारियों के प्रति पक्षपाती रवैया अपना रहा है।
ऑनलाइन व्यापार से पहले ही हैं परेशान
राजेश कुमार ने अपनी समस्याएं साझा करते हुए कहा कि पहले से ही व्यापारी ऑनलाइन व्यापार के कारण संघर्ष कर रहे हैं। ऑनलाइन बाजार की वजह से उनके व्यापार में कमी आई है और अब त्योहारों के समय प्रशासन की सख्ती उनके व्यवसाय को और अधिक नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को पहले एक स्पष्ट मानक निर्धारित करके व्यापारियों को नोटिस देना चाहिए। यदि उसके बाद अतिक्रमण या किसी अन्य समस्या की पहचान होती है, तभी कार्रवाई होनी चाहिए। बिना किसी पूर्व सूचना के त्योहारों के समय इस प्रकार की सख्ती व्यापारियों को परेशान करने वाली है।
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बैठक में उपस्थित थे ये व्यापारी
बैठक में कौशल कुमार, प्रमोद गांधी, नवीन कुमार, शोभाराम, हेमंत कुमार, हीरालाल, राहुल अग्रवाल, भुवनेश कुमार, अन्नू रतन, दुर्गा दास, सुशांत, गौरव, संजीव कुमार, रिंकू सिंघल, अंकित अग्रवाल, ओमपाल समेत कई अन्य व्यापारी भी उपस्थित थे। सभी ने प्रशासन से त्योहारों के दौरान सख्ती को बंद करने की मांग की है, ताकि व्यापारी अपने काम को निर्बाध रूप से कर सकें और त्योहारों के दौरान अपने व्यापार को बढ़ा सकें।
निष्पक्षता की मांग
व्यापारियों ने इस मुद्दे पर प्रशासन से निष्पक्षता की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन वाकई में जनता और व्यापारियों के हितों की रक्षा करना चाहता है तो वह पहले एक स्पष्ट नीति बनाए और उसके अनुसार कार्रवाई करे। बिना किसी पूर्व सूचना और स्पष्ट मानकों के व्यापारियों को इस तरह परेशान करना गलत है।
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