भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का पूर्ण रूप से उल्लेख श्रीमद्भागवत गीता के 12वें स्कंद में भी मिलता है। कहा गया है कि कलयुग के आखिर और सतयुग के संधि काल में भगवान विष्णु कल्कि के तौर पर अवतार लेंगे।
kalki avatar : कल्कि मंदिर और बाबरी का क्या है कनेक्शन , 500 साल पहले की कहानी?
Feb 19, 2024 15:46
Feb 19, 2024 15:46
- कौन हैं भगवान कल्कि?
- अयोध्या से क्या कनेक्शन है?
- 500 साल पहले घटित हुआ कुछ ऐसा
- श्रीमद्भागवत के 12वें स्कन्द में वर्णित छंद
श्रीमद्भागवत गीता में क्या बताया गया है?
भगवान विष्णु के कल्कि अवतार का पूर्ण रूप से उल्लेख श्रीमद्भागवत गीता के 12वें स्कंद में भी मिलता है। कहा गया है कि कलयुग के आखिर और सतयुग के संधि काल में भगवान विष्णु कल्कि के तौर पर अवतार लेंगे। ऐसा बताया भी जाता है की जब गुरु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, तब विष्णुयशा नामक ब्राह्मण परिवार के घर में भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्कि का जन्म होगा। वह सफेद घोड़े पर सवार होंगे और 64 कलाओं से युक्त होंगे।
श्रीमद्भागवत के 12वें स्कन्द में वर्णित छंद कुछ इस प्रकार हैं :
शम्भल ग्राम मुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः।
भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति॥
अयोध्या से क्या कनेक्शन है?’
कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने संभल में भव्य कल्कि मंदिर बनवाने का संकल्प लिया था। हालांकि अब कल्कि पीठ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। बता दें, संभल में बन रहे कल्कि मंदिर और हाल ही में बने अयोध्या राम मंदिर के बीच कई समानताएं हैं। देखा जाए तो कल्कि मंदिर का निर्माण भी उसी गुलाबी पत्थरों से होगा जिससे अयोध्या में रामलला का मंदिर बना है। भगवान कल्कि का मंदिर 5 एकड़ में फैला होगा। शिखर की ऊंचाई 108 फीट होगी और 11 फीट की ऊंचाई पर मंदिर का चबूतरा बनेगा।
500 साल पहले घटित हुआ कुछ ऐसा
बता दें, संभल में 500 साल पहले से ही यहां भगवान कल्कि का मंदिर हुआ करता था, लेकिन उस मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बनवा दी गई। इस मस्जिद का निर्माण भारत में मुगल वंश की नींव रखने वाले बाबर ने करवाया था। बहुत ही कम लोगों जानते होंगे कि मुगल शासक बाबर ने अपने जीवन काल में कुल तीन मस्जिदों का निर्माण करवाया। जिसमें अयोध्या में बाबरी मस्जिद, पानीपत में काबुली बाग मस्जिद और संभल की शाही जामा मस्जिद शामिल है। इतिहासकारों के मुताबिक बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी पर अपनी जीत की तारीख या याद के तौर पर वहां काबुली बाग मस्जिद का निर्माण कराया। इस मस्जिद का नाम अपनी पत्नी काबुली बेगम के नाम पर रखा। इसी तरह अयोध्या में राम मंदिर को तोड़कर वहां बाबरी मस्जिद बनवाई। तीसरी मस्जिद संभल में बनवाई।
कौन हैं भगवान कल्कि?
कल्कि पुराण की मानें तो जब कलयुग में पाप बढ़ जाएगा, हर तरफ अंधेरा होगा और धर्म पर संकट मंडराएगा तब, भगवान विष्णु कल्कि के रूप में धरती पर अवतार लेंगे। भगवान कल्कि, विष्णु के 10वें अवतार होंगे, जिनका अवतरण अभी होना है। कल्कि पुराण के मुताबिक भगवान विष्णु सावन माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को संभल में अवतार लेंगे। इसका मतलब यह है कि शम्भल गांव में विष्णुयश नाम के एक ब्राह्मण महात्मा होंगे, जो बड़े उदार हृदय वाले होंगे। इन्हीं ब्राह्मण के घर भगवान कल्कि अवतार लेंगे। संभल में जिस जगह शाही जामा मस्जिद का निर्माण करवाया, वहां कभी भगवान कल्कि का मंदिर हुआ करता था। इतिहासकारों के मुताबिक साल 1528 में बाबर के आदेश पर उसके वफादार मीर बेग ने कल्कि मंदिर को तहस-नहस कर दिया और मंदिर की जगह मस्जिद की स्थापना की। जबकि आज भी यहां कल्कि मंदिर की दीवार और दूसरी चीजों पर मंदिर के अवशेष नजर आ जाते हैं।
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