पुलिस ने स्पष्ट किया है कि हिंसा में शामिल लोगों को चिन्हित कर उनसे सार्वजनिक संपत्तियों की मरम्मत का खर्च वसूला जाएगा। यह कदम मुख्यमंत्री योगी की सख़्ती के बाद उठाया गया है।
संभल हिंसा से जुड़ी बड़ी खबर : उपद्रवियों से 1 करोड़ की भरपाई होगी, योगी की सख्ती के बाद एक्शन में पुलिस
Dec 05, 2024 16:52
Dec 05, 2024 16:52
उपद्रवियों से वसूला जाएगा नुकसान का खर्च
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि हिंसा में शामिल लोगों को चिन्हित कर उनसे सार्वजनिक संपत्तियों की मरम्मत का खर्च वसूला जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि यदि हिंसा में शामिल लोग स्वेच्छा से सामने आकर अपनी गलती स्वीकार करते हैं, तो यह उनके लिए बेहतर होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने अब तक हिंसा में शामिल 34 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और सीसीटीवी फुटेज और तस्वीरों के आधार पर करीब 400 उपद्रवियों की पहचान की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हिंसा को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन को निर्देश दिया है कि हिंसा में शामिल उपद्रवियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से इसकी भरपाई की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि उपद्रवियों की पहचान कर उनके पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाएं ताकि जनता की मदद से उन्हें पकड़ा जा सके। योगी आदित्यनाथ ने कहा संभल या किसी अन्य जिले में अराजकता फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने वालों पर जुर्माना लगाकर उनसे मरम्मत का खर्च वसूल किया जाए।"
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आरोपियों में नेता भी शामिल
पुलिस ने इस मामले में ढाई हजार से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें से अधिकांश अज्ञात हैं। इन आरोपियों में समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क और संभल के विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल का नाम भी शामिल है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए सघन अभियान चला रही है।
संभल हिंसा
संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा करते हुए 19 नवंबर को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में वाद दायर किया गया था। इस पर न्यायालय ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए 29 नवंबर तक सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव ने मस्जिद का पहले 19 नवंबर और फिर 24 नवंबर को वीडियो और फोटो के माध्यम से विस्तृत सर्वे किया। दूसरे सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिसमें चार लोगों की गोली लगने से मौत हो गई। इसके बाद स्थिति गंभीर हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर हस्तक्षेप करते हुए निचली अदालत को सुनवाई से रोक दिया। हालांकि, एडवोकेट कमिश्नर ने सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए 10 दिन का समय मांगा।
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