दिल्ली को मिला नया सीएम : आतिशी होंगी अगली मुख्यमंत्री, विधायकों की बैठक में प्रस्ताव स्वीकार

आतिशी होंगी अगली मुख्यमंत्री, विधायकों की बैठक में प्रस्ताव स्वीकार
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Sep 17, 2024 12:09

दिल्ली में अगली मुख्यमंत्री के तौर पर आतिशी को चुना गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे विधायकों ने व्यापक...

Sep 17, 2024 12:09

New Delhi News : दिल्ली में अगली मुख्यमंत्री के तौर पर आतिशी को चुना गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) विधायक दल की बैठक में आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे विधायकों ने व्यापक समर्थन और सहमति के साथ स्वीकार कर लिया। आम आदमी पार्टी (आप) की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (PAC) की एक बैठक सोमवार 16 सितंबर को हुई थी। जिसमें पार्टी के नेताओं ने आतिशी के नाम को दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री के रूप में सुझाया था। इस निर्णय के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने विधायकों के सामने आतिशी के नाम को औपचारिक रूप से पेश किया।

रविवार को केजरीवाल ने किया था इस्तीफे की घोषणा
रविवार 15 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देने के बाद आज शाम उप-राज्यपाल विनय सक्सेना से मुलाकात करने का कार्यक्रम तय किया है। इस मुलाकात के दौरान केजरीवाल अपना इस्तीफा औपचारिक रूप से सौंपेंगे। केजरीवाल का इस्तीफा देने का निर्णय दिल्ली आबकारी नीति के मामले में उनकी गिरफ्तारी से जुड़ा हुआ है। 21 मार्च को केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने भी उन्हें गिरफ्तार किया। इस पूरे मामले की जाँच के दौरान अरविंद केजरीवाल को 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।

इस्तीफा देने के पीछे का कारण
सीएम केजरीवाल ने अपने इस्तीफे के निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि वह 'अग्निपरीक्षा' देना चाहते हैं। उनका कहना है कि जब तक जनता उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं दे देती, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठना चाहते। इसके जरिए वे यह संदेश देना चाहते हैं कि उनकी सरकार की ईमानदारी और उनके कार्यों की पारदर्शिता को जनता द्वारा स्वीकार किया जाना जरूरी है। रविवार को कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने अपना फैसला बताया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उनकी खुद की आत्ममूल्यता और जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाता है। उनका मानना है कि चुनावी और प्रशासनिक जिम्मेदारियों को निभाने में सार्वजनिक विश्वास और समर्थन अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसलिए उन्हें जनता से इस मामले में एक प्रकार की मान्यता की आवश्यकता है।

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