कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव ने नई संसद में पहले दिन दूरगामी सियासी संदेश देने की कोशिश की है। यूपी में इंडी गठबंधन की जीत के हीरो और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव जब नई संसद पहुंचे तो अंदाज अलहदा था।
नई संसद में पहले दिन अखिलेश : हाथ में 'संविधान' और बगल में 'अयोध्या', लाल टोपी-गमछे के साथ पीडीए की झलक
Jun 25, 2024 17:41
Jun 25, 2024 17:41
पहले दिन ही बड़े सियासी संदेश
कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव ने नई संसद में पहले दिन दूरगामी सियासी संदेश देने की कोशिश की है। संसद भवन में उनके साथ प्रवेश करते समय अवधेश प्रसाद ने भी विनम्रता से संसद की सीढ़ियों को प्रणाम किया। सदन में दलित चेहरे और अयोध्या के प्रतिनिधि को साथ लेकर आगे बढ़ना भाजपा की हार का लाभ उठाने और दलित वोट बैंक को आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। सदन के अंदर भी अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ विपक्ष की पहली पंक्ति में अपना स्थान ग्रहण किया, जो विपक्षी एकता का संकेत देना माना जा रहा है।
डिंपल भी साथ लेकिन थामा अवधेश का हाथ
संसद में प्रवेश के दौरान अखिलेश अपनी पार्टी के सभी नवनिर्वाचित सांसदों के साथ मीडिया के सामने उपस्थित हुए। उनके साथ उनकी पत्नी डिंपल यादव और चाचा रामगोपाल यादव भी मौजूद थे, जो पारिवारिक एकजुटता और पार्टी में विभिन्न नेताओं की भूमिका को दर्शाता था। अखिलेश ने विशेष रूप से अवधेश प्रसाद का परिचय कराया, जिन्होंने सभी को हाथ जोड़कर अभिवादन किया। अवधेश प्रसाद दलित समुदाय से आते हैं, और अखिलेश द्वारा उन्हें दिया जा रहा महत्व सपा की आगे की रणनीति और पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) की सफलता को सम्मान देने के तौर पर देखा जा रहा है।
दूसरे दलों के नेता भी गर्मजोशी से मिले
इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल भी वहां पहुंचे। उन्होंने अखिलेश यादव से गर्मजोशी से मुलाकात की और दोनों नेता किसी बात पर खिलखिलाकर हंसे। यह दृश्य विपक्षी दलों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का संकेत देता है। वेणुगोपाल ने रामगोपाल यादव से भी गर्मजोशी से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने गले मिलकर अभिवादन किया और कुछ देर बातचीत भी की। यह मुलाकात कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाती है।
सपा का रुतबा दिखा
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 37 सीटें जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इस जीत के साथ, वह देश की तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है, जो उसके बढ़ते राष्ट्रीय महत्व को दर्शाता है। वर्तमान में, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी पार्टी है, उसके बाद कांग्रेस का स्थान है। समाजवादी पार्टी का तीसरे स्थान पर आना राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
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