अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने दावा किया है कि विपक्ष के नेताओं को हैकिंग अलर्ट भेजने के बाद एपल कंपनी भारत सरकार के निशाने पर आ गई और उसके अधिकारियों पर दबाव बनाया जाने लगा। हालांकि केंद्रीय मंत्री ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
अमेरिकी अखबार का दावा : हैकिंग अलर्ट भेजने के बाद सरकार के निशाने पर आ गई एपल कंपनी
Dec 30, 2023 14:59
Dec 30, 2023 14:59
- अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने किया दावा
- भारत सरकार द्वारा एपल कंपनी पर दबाव लगाने का आरोप
- केंद्रीय मंत्री ने आरोपों को किया खारिज, बताया मनगढ़ंत
जानिए क्या था पूरा मामला
एपल कंपनी द्वारा 'राज्य प्रायोजित अटैक' का वॉर्निंग मैसेज भेजने के बाद विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों ले लिया। जिन विपक्षी नेताओं को ये अलर्ट भेजे गए थे, उनमें टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा, शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा समेत कई लोग शामिल थे। हालांकि सरकार की तरफ से इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा गया था कि कंपनी का एल्गोरिदम बिगड़ने की वजह से ये अलर्ट आए हैं।
अमेरिकी अखबार ने क्या लिखा?
अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने अब दावा किया है कि अलर्ट भेजने के अगले ही दिन भारत सरकार की तरफ से एपल कंपनी पर दबाव बनाया जाने लगा। अखबार के मुताबिक, सरकार के अधिकारियों ने एपल के अधिकारियों पर यह दबाव बनाया कि वह इस अलर्ट को अपने सिस्ट की गलती बताएं या फिर इसके लिए कोई वैकल्पिक बयान तैयार करें।
केंद्रीय मंत्री ने किया अखबार की रिपोर्ट को खारिज
हालांकि कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने खारिज करते हुए कहा कि ये आधे-अधूरे तथ्यों पर आधारित और पूरी तरह से मनगढ़ंत रिपोर्ट है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा- 'यह कहानी आधा सच, पूरी तरह सजावटी है।'
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