अतुल सुभाष सुसाइड केस : कर्नाटक हाई कोर्ट ने निकिता सिंघानिया को दिया झटका, एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज

कर्नाटक हाई कोर्ट ने निकिता सिंघानिया को दिया झटका, एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज
UPT | कर्नाटक हाई कोर्ट ने निकिता सिंघानिया को दिया झटका।

Jan 06, 2025 21:20

बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निकिता सिंघानिया के खिलाफ एफआईआर (FIR) रद्द करने की...

Jan 06, 2025 21:20

Atul Subhash Suicide Case : बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने निकिता सिंघानिया के खिलाफ एफआईआर (FIR) रद्द करने की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने निकिता से सवाल किया कि आप जांच क्यों नहीं चाहती हो?. बता दें कि सुभाष ने पिछले साल 9 दिसंबर को अपनी पत्नी निकिता पर तलाक के लिए 3 करोड़ रुपये की मांग करने और कथित तौर पर प्रताड़ना के आरोप लगाकर आत्महत्या कर लिया था। इस मामले में बेंगलुरु की एक अदालत ने 4 जनवरी को निकिता, उनकी मां और भाई को जमानत दे दी थी।



इसके 6 जनवरी यानी सोमवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एसआर कृष्ण कुमार की अध्यक्षता वाली एकल पीठ के समक्ष निकिता सिंघानिया के अधिवक्ता ने याचिका पेश की। जिसमें निकिता के खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई। लेकिन कोर्ट ने मौखिक रूप से आदेश पारित किया और FIR रद्द करने की याचिका खारिज कर दी।

न्यायालय ने पूछा- आप जांच क्यों नहीं चाहतीं?
बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया की मांग को अस्वीकार करते हुए पीठ ने कहा कि एफआईआर में आत्महत्या के लिए उकसाने के तहत मामला दर्ज करने के लिए सब कुछ दिया गया है। पीठ ने कहा, "हम और क्या देख सकते हैं?" पीठ ने निकिता से पूछा, "एफआईआर में प्रथम दृष्टया यही मालूम होता है कि अपराध हुआ है। ऐसे में आप जांच क्यों नहीं कराना चाहतीं?"

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मुवक्किल के खिलाफ केस रद्द किया जाए : वकील
इससे पहले निकिता की तरफ से उनके अधिवक्ता ने कोर्ट से मांग की कि आत्महत्या के लिए उकसाने के संबंध में एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत में कोई आधार नहीं बनाया गया है, इसलिए उनके मुवक्किल के खिलाफ केस रद्द किया जाए। यह भी दलील दी गई कि अतुल सुभाष ने निकिता या उसके परिवार के लोगों द्वारा किए गए ऐसे किसी भी कृत्य का उल्लेख नहीं किया है, जिसके कारण उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी। वकील ने आगे तर्क दिया कि याचिकाकर्ता को कानूनी मदद लेने का पूरा अधिकार है और अतुल सुभाष के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने मात्र से निकिता के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया जा सकता।

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कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे तीनों
इससे पहले 4 जनवरी को बेंगलुरु शहर की एक कोर्ट ने सुसाइड के लिए उकसाने के मामले में निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को जमानत दे दी थी। तीनों आरोपी कोर्ट के समक्ष पेश हुए थे।

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