नेमप्लेट का अर्थ जागृति है और लोगों को इसके बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है। उन्होंने ढाबों के संदर्भ में कहा कि यह जानना महत्वपूर्ण है कि वहां का खाना शुद्ध है या अशुद्ध...
नेमप्लेट विवाद : धीरेंद्र शास्त्री ने कहा - राम का खाते हैं तो राम का गाते क्यों नहीं?
Jul 27, 2024 14:34
Jul 27, 2024 14:34
- पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने नेमप्लेट विवाद पर अपना पक्ष रखा
- उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश का पालन करना जरूरी है
- नेमप्लेट का अर्थ जागृति है और लोगों को इसके बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है
खाना शुद्ध है या अशुद्ध ये जानना जरूरी
शास्त्री जी ने नेमप्लेट के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नेमप्लेट का अर्थ जागृति है और लोगों को इसके बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है। उन्होंने ढाबों के संदर्भ में कहा कि यह जानना महत्वपूर्ण है कि वहां का खाना शुद्ध है या अशुद्ध। साथ ही, उन्होंने कुछ वीडियो का जिक्र किया जिनमें कुछ लोगों द्वारा अनुचित व्यवहार दिखाया गया था। उन्होंने इस तरह के कृत्यों के खिलाफ कठोर कानून की मांग की।
हिंदू धर्म को बताया अहिंसावादी
कांवड़ यात्रा के दौरान होने वाले हुड़दंग के बारे में पूछे जाने पर धीरेंद्र शास्त्री ने स्पष्ट किया कि हिंदू धर्म हमेशा से अहिंसावादी रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग हुड़दंग करते हैं, वे न तो शिव के भक्त हैं और न ही सनातन धर्म के अनुयायी। उनका मानना है कि हिंदू स्वभाव से शांत होते हैं और किसी भी जीव को पीड़ा नहीं पहुंचाते।
कांवड़ियों से की अपील
उन्होंने कांवड़ियों से अपील की कि वे शांतिपूर्वक अपनी यात्रा पूरी करें। उन्होंने होली का उदाहरण देते हुए कहा कि यह एक ऐसा त्योहार है जहां हुड़दंग होता है, लेकिन वह इतना सौहार्दपूर्ण होता है कि दुश्मन भी मित्र बन जाते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिंदू धर्म में किसी भी प्राणी को पीड़ा पहुंचाने की अनुमति नहीं है।
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