वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का सख्त कदम : यूपी समेत इन राज्यों के अधिकारियों को मिली चेतावनी, पराली जली तो होगी कार्रवाई

यूपी समेत इन राज्यों के अधिकारियों को मिली चेतावनी, पराली जली तो होगी कार्रवाई
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Oct 13, 2024 15:53

केंद्र वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सख्त निर्देश जारी किया है। आयोग ने पराली जलाने पर लगे प्रतिबंध पर सख्ती दिखाते हुए कहा है कि यदि अधिकारी पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में नाकाम रहते हैं तो...

Oct 13, 2024 15:53

National News : दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केंद्र के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने एक सख्त निर्देश जारी किया है। आयोग ने पराली जलाने पर लगे प्रतिबंध पर सख्ती दिखाते हुए कहा है कि यदि अधिकारी पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में नाकाम रहते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के जिलों में लागू होगा।



प्रदूषण पर बढ़ी चिंता
आयोग ने हालिया आंकड़े साझा करते हुए बताया कि 15 सितंबर से 9 अक्टूबर तक पंजाब में पराली जलाने की 267 और हरियाणा में 187 घटनाएं दर्ज की गई हैं। पराली जलाने के कारण हर साल ठंड के मौसम में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। यह स्थिति विशेष रूप से अक्टूबर से नवंबर के बीच सबसे गंभीर हो जाती है। जब खेतों में फसल कटाई के बाद पराली जलाने का चलन बढ़ जाता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है।

जिलाधिकारियों को दिया कानूनी कार्रवाई का अधिकार
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने घोषणा की है कि अब उपायुक्त, जिलाधिकारी और जिला मजिस्ट्रेट अपने अधिकार क्षेत्र में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए जिम्मेदार होंगे। यदि वे इसे रोकने में असफल रहते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने इन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यदि किसी अधिकारी द्वारा पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में लापरवाही या निष्क्रियता पाई जाती है तो उनके खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत या अभियोजन दायर की जाएगी।

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पंजाब और हरियाणा में केंद्रीय टीमों की तैनाती
आयोग ने यह भी कहा है कि पंजाब और हरियाणा जैसे प्रमुख कृषि राज्यों में पराली प्रबंधन की निगरानी के लिए 26 केंद्रीय टीमें तैनात की गई हैं। ये टीमें जिला प्रशासन और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेंगी और यह सुनिश्चित करेंगी कि पराली जलाने की घटनाओं को रोका जा सके। इसके अलावा आयोग ने चंडीगढ़ में एक विशेष टीम की स्थापना की है। जो इन गतिविधियों की बारीकी से निगरानी करेगा और पराली प्रबंधन के लिए उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करेगा।

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सख्त कदमों की आवश्यकता
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का संकट हर साल गहरा होता जा रहा है। वायु प्रदूषण के कारण न केवल सामान्य जनजीवन प्रभावित होता है बल्कि इसका स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार पराली जलाने से उत्पन्न धुआं और अन्य प्रदूषक तत्व हवा में मिलकर लोगों के श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का यह कदम इस दिशा में एक ठोस प्रयास है। जो संबंधित राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन को जवाबदेह बनाएगा। इस योजना के तहत न केवल पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए नए उपाय किए जाएंगे बल्कि उन अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जो इस समस्या को नियंत्रित करने में नाकाम रहते हैं।

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