उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रावण दहन के बाद लोग जली हुई लकड़ी और राख लेने के लिए दौड़ पड़े। इससे वहां भगदड़ मच गई और पुलिस का संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
रावण दहन के बाद राख लेने दौड़ी भीड़ : पुलिस को करना पड़ा बल प्रयोग, लेकिन फिर भी नहीं माने लोग और...
Oct 13, 2024 15:27
Oct 13, 2024 15:27
- रावण दहन के बाद राख लेने दौड़ी भीड़
- पुतले की लकड़ी रखने की मान्यता
- जिले में रही दशहरे की धूम
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल संभल के कुरुक्षेत्र मैदान में रावण दहन देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ एकत्रित थी। रावण के दहन के लिए पुतले पर जैसे ही तीर चलाया गया, पुतले में लगा बम तेज आवाज के साथ फटा। इसके तुरंत बाद ही कुछ लोग पुतले की जली हुई लकड़ी उठाने के लिए भागने लगे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया, लेकिन लोग कहां मानने वाले थे।
पुतले की लकड़ी रखने की मान्यता
हालांकि इतनी मशक्कत के बाद भी लोग लकड़ी और राख उठाकर ही माने। दरअसल मान्यता है कि रावण के पुतले की जली हुई लकड़ी या राख को घर में रखे से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। हालांकि कुछ लोग ये भी मानते हैं कि ये लकड़ी घर में रखना अशुभ होता है, क्योंकि वह शव के जले हुए अवशेष की तरह होती है और हिंदू धर्म में शव के अवशेष नहीं रखे जाते।
जिले में रही दशहरे की धूम
पूरे शहर में दशहरे का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सीता आश्रम पुलिस चौकी रामलीला ग्राउंड में भी रावण का दहन हुआ। मेले के अंतिम दिन लोगों की भी भारी भीड़ उमड़ी। वहीं शहर के कई हिस्सों में रावण के पुतले जलाए गए। ब्रह्मबाजार हाथी वाली गली में छोटे-छोटे बच्चों ने अपने जेब खर्च से रावण का पुतला मंगाकर जलाया। इसके अलावा शहर के शक्तिनगर, खुर्जा गेट, गणेश कॉलोनी समेत कई हिस्सों में रावण का दहन किया गया।
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