केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने RTE नियम 2010 में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसमें राज्य सरकारों को कक्षा 5 और 8 के छात्रों के लिए नियमित परीक्षा आयोजित करने का अधिकार दिया गया है। अगर छात्र असफल होते हैं, तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का बड़ा निर्णय: 5वीं और 8वीं में फेल होने पर अब नहीं मिलेगा प्रमोशन, राज्य सरकारों को मिला नया अधिकार
Dec 23, 2024 17:22
Dec 23, 2024 17:22
क्या था 'नो-डिटेंशन पॉलिसी' का इतिहास?
"नो-डिटेंशन पॉलिसी" का मतलब था कि कक्षा 5 और 8 में असफल होने वाले छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था, ताकि उन्हें आत्मविश्वास बना रहे। लेकिन यह नीति अपनी सफलता में नाकाम रही। कई शिक्षा विशेषज्ञों का कहना था कि इससे छात्रों में जिम्मेदारी का एहसास नहीं हुआ और वे परीक्षा के प्रति गंभीर नहीं रहे। अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस नीति को खत्म कर दिया है और बच्चों के लिए शिक्षा की गुणवत्ता और परीक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाया है।
अब छात्रों के लिए परीक्षा की नई चुनौती!
कक्षा 5 और 8 में असफल छात्रों को प्रमोट करने की बजाय, अब उन्हें अपनी परीक्षा में अच्छे अंक लाने होंगे। यह बदलाव छात्रों के लिए एक नई चुनौती हो सकता है। अब छात्रों को यह समझ में आएगा कि शिक्षा एक गंभीर प्रक्रिया है और केवल प्रमोशन से कोई फायदा नहीं। यह बदलाव छात्रों को आत्ममूल्यांकन और परिश्रम की अहमियत समझने में मदद करेगा। वे अब अपनी पढ़ाई को और ज्यादा गंभीरता से लेंगे, क्योंकि किसी भी कक्षा में प्रमोट होने से पहले उन्हें अपनी क्षमता साबित करनी होगी।
राज्यों के लिए नई जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्य जहां शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार की ज़रूरत है, वहां अब यह बदलाव और भी अहम हो जाता है। राज्य सरकारों को इस नई नीति को लागू करने के लिए अपने शिक्षा ढांचे को मजबूत करना होगा। खासकर उन स्कूलों में जहां संसाधनों की कमी है, वहां सरकार को अतिरिक्त प्रयास करना होगा ताकि सभी छात्रों को एक समान अवसर मिल सके।
यह बदलाव क्यों है जरूरी?
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह बदलाव छात्रों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाया गया कदम है। अब छात्रों को अपनी पढ़ाई में सच्ची मेहनत करनी होगी और परीक्षा के लिए खुद को तैयार करना होगा। यह कदम शिक्षा के प्रति छात्रों का नजरिया बदलने में मदद करेगा, जिससे वे आगे चलकर जीवन की बड़ी परीक्षाओं के लिए भी तैयार हो सकेंगे।
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