50 फीसदी तक बढ़ी टमाटर-प्याज की कीमतें : क्यों बढ़ रहे हैं सब्जी-दाल के दाम? संसद में सरकार ने दिया जवाब

क्यों बढ़ रहे हैं सब्जी-दाल के दाम? संसद में सरकार ने दिया जवाब
UPT | 50 फीसदी तक बढ़ी टमाटर-प्याज की कीमतें

Jul 25, 2024 19:16

भारत में सब्जियों की कीमतों में हाल के दिनों में तेज वृद्धि देखी गई है, जिसने आम जनता की जेब पर भारी दबाव डाला है। कीमतों में इस भयंकर वृद्धि का कारण अब केंद्र सरकार ने अपनी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बता दिया है।

Jul 25, 2024 19:16

Short Highlights
  • मौसम का सबसे ज्यादा असर
  • दाल के दामों में भी आया उछाल
  • स्थिति जल्द सामान्य होने का दावा
New Delhi : भारत में सब्जियों की कीमतों में हाल के दिनों में तेज वृद्धि देखी गई है, जिसने आम जनता की जेब पर भारी दबाव डाला है। विशेष रूप से आलू, प्याज और टमाटर जैसी आवश्यक सब्जियों की खुदरा कीमतों में पिछले एक महीने में 15 से 58 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। कीमतों में इस भयंकर वृद्धि का कारण अब केंद्र सरकार ने अपनी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में बता दिया है।

मौसम का सबसे ज्यादा असर
केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में इस मूल्य वृद्धि के कारणों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है। इसके मुताबिक, पिछले दो वर्षों में खराब मौसम, जलाशयों के गिरते स्तर और फसल नुकसान ने कृषि उत्पादन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इसके परिणामस्वरूप, खाद्य मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2022 के 3.8 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 7.5 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों में बदलाव भी वजह
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव ने भी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। क्षेत्र-विशिष्ट फसल रोगों ने सब्जियों की आपूर्ति में बाधा उत्पन्न की है, जिससे विशेष रूप से टमाटर की कीमतों में उछाल आया है। प्याज की कीमतों में वृद्धि का कारण पिछले कटाई सीजन में अत्यधिक बारिश, बुवाई में देरी, और लंबे समय तक सूखे की स्थिति रही है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों में बदलाव ने भी कीमतों को प्रभावित किया है।

दाल के दामों में भी आया उछाल
दालों, विशेषकर अरहर और उड़द की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है। यह वृद्धि मुख्य रूप से पिछले दो वर्षों में प्रतिकूल मौसम के कारण कम उत्पादन और दक्षिणी राज्यों में जलवायु संबंधी समस्याओं के कारण हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष (2023-24) सब्जियों की कीमतों ने कुल महंगाई में 30.6 प्रतिशत का योगदान दिया है, जो पिछले वर्ष के 7.3 प्रतिशत से काफी अधिक है। दालों की कीमतों का योगदान भी 2.2 प्रतिशत से बढ़कर 11.9 प्रतिशत हो गया है। हालांकि, सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें खुले बाजार में बिक्री, विशेष दुकानों पर सब्जियों की बिक्री, आवश्यकतानुसार आयात, और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार शामिल है। इस योजना से 81 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

स्थिति जल्द सामान्य होने का दावा
सरकार का मानना है कि यह स्थिति अस्थायी है और आने वाले दिनों में कीमतें नियंत्रण में आ जाएंगी। हालांकि, जलवायु परिवर्तन के लंबे समय तक चलने वाले प्रभावों को देखते हुए, कृषि क्षेत्र में दीर्घकालिक समाधानों और अधिक टिकाऊ प्रथाओं की आवश्यकता है। इस बीच, उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों की रक्षा के लिए संतुलित नीतियों की आवश्यकता है, ताकि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और साथ ही कृषि क्षेत्र का विकास भी हो सके।

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