कोविड से बचाव के लिए लोगों को कोविशील्ड इंजेक्शन दिया गया था। जिसके बाद अब कोविशील्ड इंजेक्शन के सुरक्षा पहलुओं पर विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया...
Covishield Vaccine : कोविशील्ड साइड इफेक्ट मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जांच के लिए पैनल की मांग
May 01, 2024 16:33
May 01, 2024 16:33
आपको बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वकील विशाल तिवारी की ओर से यह याचिका दायर की गई, जिसमें कहा गया है कि भारत में कोविशील्ड की 175 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। कोविड 19 के बाद दिल का दौरा पड़ने से और अचानक बेहोश होने से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ गई है। कोविशील्ड इंजेक्शन लगावाने वाले युवाओं को भी दिल का दौरा पड़ रहा है।
कोविशील्ड के दुष्प्रभावों और कारकों की होनी चाहिए जांच
विशाल ने अपनी याचिका में कोविशील्ड के दुष्प्रभावों और सभी कारकों की जांच करने की मांग की है। इसके साथ ही वैक्सीन से हुए नुकसान का निर्धारण करने के लिए केंद्र को निर्देश जारी करने की भी मांग की है। इस याचिका में साफ तौर पर कहा गया है कि जो लोग इस वैक्सीन को लगाने की वजह से अक्षम हो गए हैं या जिनकी मौत हो गई है, उन्हें मुआवजा देने का निर्देश दिया जाए।
एस्ट्राजेनेका कंपनी ने खुद किया स्वीकार
विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में कहा है कि कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्रा जेनेका ने खुद ही स्वीकार किया था कि जिन लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन ली थी उनमें साइड इफेक्ट हो सकते हैं। कंपनी ने स्वीकार किया था कि ब्लड में प्लेटलेट्स कम होने, रक्त के थक्के जमने में इस इंजेक्शन की भूमिका हो सकती है। भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट को एस्ट्राजेनेका ने इस वैक्सीन के निर्माण के लिए लाइसेंस दिया था।
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