मोदी सरकार ने किसानों को दी राहत : 6 फसलों के लिए बढ़ाया MSP, सरसों में सबसे अधिक 300 रुपये तक की बढ़ोतरी

6 फसलों के लिए बढ़ाया MSP, सरसों में सबसे अधिक 300 रुपये तक की बढ़ोतरी
UPT | PM Narendra Modi

Oct 16, 2024 16:28

केंद्र सरकार ने रबी विपणन सत्र 2025-26 के लिए 6 प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की है। इस निर्णय के तहत किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने की संभावना बढ़ी है...

Oct 16, 2024 16:28

New Delhi : केंद्र सरकार ने रबी विपणन सत्र 2025-26 के लिए 6 प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा की है। इस निर्णय के तहत किसानों को उनके उत्पादों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने की संभावना बढ़ी है, जो कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देगा। इस MSP में मुख्य रूप से गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और केसर (सैफ्लॉवर) शामिल हैं। इस कदम से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार और कृषि विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।



सरसों-तिलहन में 300 रुपये की वृद्धि
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 अक्टूबर, बुधवार को रबी की 6 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की है। सबसे अधिक वृद्धि सरसों-तिलहन में 300 रुपये की गई है। गेहूं के MSP में 150 रुपये का इजाफा किया गया, जिससे इसका नया मूल्य 2,425 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। इसके अलावा, जौ, चना, मसूर और कुसुम की MSP में भी बढ़ोतरी की गई है। रबी फसलों की बुआई आमतौर पर लौटते मानसून के दौरान अक्टूबर-नवंबर में होती है, जबकि इनकी कटाई सामान्यतः गर्मी के मौसम में अप्रैल में की जाती है। ये फसलें बारिश से बहुत प्रभावित नहीं होती हैं। प्रमुख रबी फसलों में गेहूं, चना, मटर, सरसों और जौ शामिल हैं।

 
फसल नई MSP रुपए/क्विंटल पुरानी MSP रुपए/क्विंटल अंतर
सरसों-तिलहन ₹5,950 ₹5,650 ₹300
गेहूं ₹2,425 ₹2,275 ₹150
जौ ₹1,980 ₹1,850 ₹130
चना ₹5,650 ₹5,440 ₹210
कुसुम ₹5,940 ₹5,800 ₹140
मसूर ₹6,700 ₹6,425 ₹275

जानें क्या है MSP
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वह सुनिश्चित मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल के लिए मिलता है, चाहे बाजार में उस फसल की कीमतें कितनी भी कम हों। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर नकारात्मक असर न पड़े, जिससे उन्हें एक स्थिर न्यूनतम मूल्य मिलता रहे। सरकार हर फसल सीजन से पहले कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेस (CACP) की सिफारिश के आधार पर MSP निर्धारित करती है। जब किसी फसल की बंपर पैदावार होती है और उसके कारण बाजार में कीमतें गिरती हैं, तो MSP एक सुनिश्चित कीमत के रूप में कार्य करती है। इसे किसानों के लिए एक तरह की बीमा पॉलिसी माना जा सकता है, जो कीमतों में गिरावट से उन्हें सुरक्षित रखती है।

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न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में कुल 23 फसलों को शामिल किया गया है
  • 7 प्रकार के अनाज : धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ
  • 5 प्रकार की दालें : चना, अरहर (तुअर), उड़द, मूंग और मसूर
  • 7 तिलहन : रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम और निगरसीड
  • 4 व्यावसायिक फसलें : कपास, गन्ना, खोपरा और कच्चा जूट

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