सनातन बोर्ड की मांग पर धर्म संसद : देवकीनंदन ठाकुर बोले- अब हिंदू हक लेकर रहेंगे, गुरुकुल की परंपरा वापस लौटेगी

देवकीनंदन ठाकुर बोले- अब हिंदू हक लेकर रहेंगे, गुरुकुल की परंपरा वापस लौटेगी
UPT | देवकीनंदन ठाकुर

Nov 17, 2024 10:48

देवकीनंदन ठाकुर ने सभा को प्रेरित करते हुए एक नारा दिया, 'बहुत सह लिया, अब न सहेंगे, हिंदू हक अब लेके रहेंगे।' उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को अब बंटना और कटना बंद करना होगा।

Nov 17, 2024 10:48

Short Highlights
  • पूर्वी दिल्ली के पांचवें पुश्ता पर धर्म संसद का आयोजन किया गया।
  • देवकीनंदन ठाकुर कहा कि हिंदू हक अब लेके रहेंगे।
  • सनातन धर्म बोर्ड की स्थापना की प्रमुख मांग रखी गई।
New Delhi News : पूर्वी दिल्ली के पांचवें पुश्ता पर शनिवार को एक ऐतिहासिक धर्म संसद का आयोजन किया गया। प्रसिद्ध धर्म संसद कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज की अध्यक्षता में आयोजित इस धर्म संसद में हजारों सनातन धर्मावलंबियों ने भाग लिया। यह वर्ष 2024 में आयोजित तीसरी धर्म संसद थी, जिसमें सनातन धर्म बोर्ड की स्थापना की प्रमुख मांग रखी गई। उन्होंने सभा में कहा कि बहुत सह लिया, अब न सहेंगे, हिंदू हक अब लेके रहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू संस्कृति और परंपराओं को पुनर्जीवित किया जाएगा और गुरुकुल प्रणाली को फिर से स्थापित किया जाएगा। 

देवकीनंदन ठाकुर का संदेश और नारा
देवकीनंदन ठाकुर ने सभा को प्रेरित करते हुए एक नारा दिया, 'बहुत सह लिया, अब न सहेंगे, हिंदू हक अब लेके रहेंगे।' उन्होंने कहा कि हिंदू समाज को अब बंटना और कटना बंद करना होगा। उन्होंने धर्म और राम के प्रति प्रेम को प्राथमिकता देते हुए कहा कि जिंदगी जब तक रहेगी, फुर्सत न मिलेगी काम से, कुछ समय निकालिए, जिसमें प्रेम करिए राम से।

हिंदू परंपराओं को पुनर्जीवित करने का आह्वान
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सनातन धर्म बोर्ड के गठन से गुरुकुल प्रणाली को फिर से स्थापित किया जा सकेगा। साथ ही, उन्होंने हिंदू समाज में घटती जनसंख्या पर चिंता जताई और इसे देश के लिए खतरा बताया। उन्होंने हिंदू बच्चियों के विवाह हिंदू परिवारों में सुनिश्चित करने, हलाल सर्टिफिकेट वाली कंपनियों का बहिष्कार करने, और तिरुपति मंदिर में मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

धर्म संसद में संतों और विद्वानों की भागीदारी
कार्यक्रम स्थल पर जय श्रीराम के जयकारों से वातावरण गुंजायमान रहा। इस अवसर पर कई प्रमुख धार्मिक नेताओं ने शिरकत की, जिनमें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज, श्री रामजन्म भूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज, महामंडलेश्वर नवल किशोर महाराज, और जैन आचार्य श्रीलोकेश मुनि प्रमुख थे।

सनातन धर्म बोर्ड की मांग और तर्क
देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने अपने संबोधन में सनातन धर्म बोर्ड की स्थापना की आवश्यकता को स्पष्ट किया। देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने अपने संबोधन में एक गंभीर मुद्दा उठाते हुए कहा कि कुछ मंदिरों के प्रसाद में मिली पशु चर्बी की घटना के बाद सनातन धर्म बोर्ड की आवश्यकता और भी बढ़ गई है। उन्होंने सरकारी नियंत्रण में चल रहे मंदिरों की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि अधिकारियों को धार्मिक रीति-रिवाजों का पर्याप्त ज्ञान नहीं है, जिससे मंदिरों की उचित देखरेख में समस्याएं आ रही हैं।

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सनातन धर्म बोर्ड देश की आवश्यकता 
जैन मुनि श्रीलोकेश मुनि ने कहा कि सनातन धर्म बोर्ड देश की आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जैन समाज हर संभव तरीके से सनातन धर्म के साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अहिंसा को कमजोर न समझा जाए, बल्कि इसे शक्ति के रूप में अपनाया जाना चाहिए।

संगठित हिंदुत्व पर जोर
शंकराचार्य सदानंद सरस्वती महाराज ने हिंदुओं के बीच संगठित होने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जब तक हिंदू धर्म के प्रति निष्ठा और एकजुटता नहीं होगी, तब तक सनातन धर्म की रक्षा करना संभव नहीं है। उन्होंने शिक्षा के भारतीयकरण, गुरुकुल प्रणाली की पुनर्स्थापना, और गोमाता की रक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही।

पहले भी आयोजित हुई हैं धर्म सभाएं
देवकीनंदन ठाकुर महाराज के नेतृत्व में यह तीसरी धर्म संसद थी। इससे पहले 25 फरवरी, 2024 को दिल्ली और 23 जून, 2024 को ऋषिकेश में धर्म संसद का आयोजन किया गया था। इस बार के आयोजन में भी हजारों की संख्या में सनातन धर्म के अनुयायी शामिल हुए, जो जय श्रीराम के नारों से पंडाल को गूंजायमान कर रहे थे।

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