भारत सरकार के मौसम विभाग (IMD) की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर 'मिशन मौसम' लॉन्च किया। इस पहल का उद्देश्य भारत को मौसम के विभिन्न पहलुओं के लिए तैयार रखना और जलवायु...
IMD विजन-2047 : पीएम मोदी ने लॉन्च किया 'मिशन मौसम', भारत को बनाएंगे जलवायु के प्रति सजग और सीजन पूर्वानुमान में सक्षम
Jan 14, 2025 13:33
Jan 14, 2025 13:33
मिशन मौसम के प्रमुख उद्देश्य
तकनीकी उन्नति : 'मिशन मौसम' अत्याधुनिक मौसम निगरानी प्रणालियों की तैनाती करेगा। इसमें उच्च रिजॉल्यूशन वाले वायुमंडलीय अवलोकन स्टेशनों का एक सशक्त नेटवर्क स्थापित किया जाएगा, अगली पीढ़ी के रडार और उपग्रहों का उपयोग किया जाएगा, और मौसम मॉडलिंग के लिए हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (HPC) इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना की जाएगी।
- पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार : इस मिशन का एक मुख्य लक्ष्य मौसम पूर्वानुमानों की सटीकता और लीड टाइम (पूर्वानुमान की अवधि) को बेहतर बनाना है। विशेष रूप से चक्रवात, बाढ़, सूखा और हीटवेव जैसी चरम मौसम घटनाओं के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली में सुधार होगा, जिससे आपातकालीन तैयारी में मदद मिलेगी।
- जलवायु परिवर्तन अनुकूलन : यह मिशन जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समायोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसमें जलवायु परिवर्तन के अनुमानों का विकास, जलवायु जोखिमों का आकलन और कृषि, जल संसाधन और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों के लिए जलवायु आधारित जानकारी की सेवाएं प्रदान करना शामिल है।
- क्षेत्रीय सहयोग : 'मिशन मौसम' क्षेत्रीय सहयोग को भी बढ़ावा देगा। पाकिस्तान, मालदीव, अफगानिस्तान, भूटान, श्रीलंका और नेपाल जैसे देशों के मौसम विज्ञानियों और जलवायु वैज्ञानिकों को इस पहल में शामिल किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय मौसम विज्ञान और जलवायु अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि बांग्लादेश के भाग लेने में यात्रा प्रतिबंधों के कारण रुकावट आई है।
- उन्नत मौसम निगरानी : अगली पीढ़ी के राडार और उपग्रहों की तैनाती से उच्च रिजॉल्यूशन वाले वायुमंडलीय डेटा प्राप्त होंगे। जो मौसम पूर्वानुमान की सटीकता और समयबद्धता को बेहतर बनाएंगे।
- हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग : अत्याधुनिक कंप्यूटिंग प्रणालियों का उपयोग करके बड़े पैमाने पर मौसम डेटा का विश्लेषण किया जाएगा, जिससे जलवायु मॉडल और सिमुलेशन को बेहतर तरीके से चलाया जा सकेगा।
- वायु गुणवत्ता निगरानी : इस पहल में वायु गुणवत्ता पर डेटा संग्रह किया जाएगा। जिससे दीर्घकालिक पर्यावरणीय और मौसम प्रबंधन रणनीतियों को तैयार करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने 'IMD विजन-2047' दस्तावेज भी जारी किया। जो भारत की मौसम और जलवायु सेवाओं को अगले 25 वर्षों में और सशक्त बनाने के लिए दीर्घकालिक योजना पर आधारित है। इसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने। मानव संसाधन को मजबूत करने, और अनुसंधान को बढ़ावा देने की रणनीतियां शामिल हैं।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी में वृद्धि : निजी क्षेत्र और अनुसंधान संस्थानों के साथ मिलकर मौसम और जलवायु विज्ञान में नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा।
मानव संसाधन में सुधार : उच्च गुणवत्ता वाले वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों को आकर्षित किया जाएगा और उन्हें उन्नत प्रशिक्षण व कौशल विकास के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
वैश्विक सहयोग में वृद्धि : IMD अपने वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देगा, जिससे जलवायु परिवर्तन के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में भारत का योगदान और बढ़ेगा।
जलवायु परिवर्तन शमन : ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियाँ विकसित की जाएंगी।
आईएमडी की 150वीं वर्षगांठ पर मिशन मौसम लॉन्च
1875 में स्थापित भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 150 वर्षों में देश को मौसम से संबंधित महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान की हैं। इस अवसर पर कई कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। जिसमें मौसम विज्ञान में भविष्य की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की गई। इन समारोहों में भारत के पड़ोसी देशों के मौसम विज्ञानियों और जलवायु वैज्ञानिकों ने भी भाग लिया।
गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार IMD की झांकी
इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय मौसम विभाग अपनी खुद की झांकी प्रदर्शित करेगा। जो विभाग के योगदान को उजागर करेगी और राष्ट्रीय विकास में मौसम संबंधी सेवाओं के महत्व को रेखांकित करेगी।
'मिशन मौसम' और IMD विजन-2047 का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लॉन्च किया गया 'मिशन मौसम' और IMD विजन-2047 दस्तावेज भारत के सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाते हैं, जो जलवायु परिवर्तन और चरम मौसम घटनाओं के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए तैयार किया गया है। भारत का लक्ष्य एडवांस टेक्नोलॉजी, क्षेत्रीय सहयोग और वैश्विक साझेदारी के माध्यम से अपनी मौसम पूर्वानुमान क्षमताओं को मजबूत करना। आपदा तैयारी में सुधार करना और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देना है।
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