माध्यमिक शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार गुलाब देवी का बचपन जिस घर में बीता, वहां संघर्ष था लेकिन परिवार की आर्थिक तंगी ने उनके हौसले कम नहीं होने दिए। आज समाज के लिए प्रेरणा हैं लेकिन इसके पीछे उनका जज्बा ही था, जिसने सफलता के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं से पार पाया। जानते हैं मजबूत इरादों वाली गुलाब देवी के अब तक के सफर के बारे में।
महिला दिवस विशेष : कभी संघर्ष करते गुलाब देवी का बीता था बचपन, धोबी की बेटी आज हैं यूपी सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री
Mar 08, 2024 17:42
Mar 08, 2024 17:42
- गुलाब देवी उत्तर प्रदेश के संभल जिले के चंदौसी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं
- उन्होंने चंदौसी विधान सभा के सदस्य के रूप में चार अलग-अलग कार्यकाल बिताए
तीन बेटियों की मां हैं
गुलाब देवी का जन्म उत्तर प्रदेश के चंदौसी में 1 जून 1955 को हुआ। उनके पिता बाबू राम पेशे से धोबी थे और मां सावित्री देवी गृहिणी थीं। उनके पति रामपाल सिंह सेवानिवृत्त चीनी मिल कर्मचारी और राजनीतिज्ञ हैं। गुलाब देवी 3 बेटियों की मां हैं। इसमें साक्षी सिंह (यूपी प्रदेश भाजपा प्रवक्ता), सुगंधा सिंह (राजनेता) और चेतना सिंह (दिल्ली विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर) हैं।
चंदौसी से हुई प्रारंभिक शिक्षा
गुलाब देवी की प्रारंभिक शिक्षा चंदौसी के बीएमजी इंटर कॉलेज से हुई। इसके बाद आगरा विश्वविद्यालय (अब डॉ.भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय) के एसएम कॉलेज चंदौसी, महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 1974 में आगरा विश्वविद्यालय से बीएड किया और एसएम कॉलेज से 1976 में एमए किया।
परिवार की मदद करने के लिए पढ़ाना शुरू किया था
गुलाब देवी के पिता भी बड़े स्वाभिमानी थे। बेटी के विधायक बनने के बाद भी उन्होंने धोबी का काम करना नहीं छोड़ा था। हालांकि पारिवार की माली हालत ठीक करने के लिए गुलाब देवी ने बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था। अपनी औपचारिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने काम करना शुरू किया। चंदौसी के भारतीय एम गर्ल्स इंटर कॉलेज में वह राजनीति विज्ञान पढ़ाती थीं। बाद में वह इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल बन गईं। एक इंटरव्यू में गुलाब देवी ने कहा था कि वह अपने परिवार को आर्थिक रूप से मदद देने के लिए शिक्षिका बनीं क्योंकि वह एक गरीब परिवार से थीं। अपने एक इंटरव्यू में गुलाब देवी ने कहा था कि उनके विधायक बनने के बाद उनके पिता ने धोबी का काम करना नहीं छोड़ा था। गुलाब देवी के काफी कहने के बाद भी काम करना छोड़ने से इनकार कर दिया था।
पढ़ाई के दौरान ही ABVP में शामिल हुईं
गुलाब देवी चंदौसी के एसएम कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में शामिल हो गईं थीं। इसी दौरान वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गईं। उन्होंने चंदौसी के इंटर कॉलेज में पढ़ाना और नौकरी करना शुरू किया। वे उत्तर प्रदेश में RSS प्रचारक के रूप में काम करती रहीं। गुलाब देवी 1997 में प्राक्कलन समिति की सदस्य बनीं। उसी वर्ष उन्होंने महिला आयोग का कार्यभार संभाला। उत्तर प्रदेश के चंदौसी से पांच बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक चुनी गईं ( 1991, 1996, 2002, 2017 और 2022)। वे उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री (महिला कल्याण, बाल विकास और पुष्टाहार) रहीं।
राजनीतिक सफर
- 1989-1990 तक चंदौसी के पार्षद के रूप में कार्य किया
- 991 में भाजपा में शामिल हुईं
- 1991, 1996, 2002 में चुनाव लड़ा और जीता
- 2017 और 2022 में यूपी विधानसभा चंदौसी सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा
- 1997 में महिला राज्य मंत्री नियुक्त (महिला कल्याण, बाल विकास और पुष्टाहार)
- 2007 और 2012 चंदौसी से चुनाव लड़ा और हार गईं
- 2022 में राज्य मंत्री (स्वतंत्र) नियुक्त (माध्यमिक शिक्षा का प्रभार)
गुलाब देवी आज उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपना अलग रुतबा रखती हैं। वे उत्तर प्रदेश के चंदौसी से पांच बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) की विधायक चुनी गईं। यह समय 1991, 1996, 2002, 2017 और 2022 का रहा। उन्होंने 2023 में तब सुर्खियां बटोरीं जब उनसे सवाल करने पर एक पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया गया। यूपी के संभल में मंत्री से सवाल पूछने पर पत्रकार को गिरफ्तार किए जाने का मामला तब काफी गरमाया था। यूट्यूबर पत्रकार ने उनसे विकास को लेकर सवाल किया था। पत्रकार ने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद आपने कहा था कि मंदिर का रास्ता पक्का करायेंगे। यह सड़क आज भी कच्ची है। इससे गुलाब देवी गुस्सा हो गई थीं और पत्रकार को गिरफ्तार करवा दिया था।
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