विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि समारोह के दौरान लालकृष्ण आडवाणी को सभी आवश्यक व्यवस्थाएं और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। इससे पहले विहिप उपाध्यक्ष और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के कारण समारोह में नहीं आएंगे।
Ram Mandir : लालकृष्ण आडवाणी शामिल होंगे प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में, आरएसएस नेताओं ने दिया निमंत्रण
Jan 11, 2024 17:29
Jan 11, 2024 17:29
आडवाणी बोले- यह मेरा सौभाग्य
बुधवार को आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल, राम लाल और आलोक कुमार ने 96 साल के लालकृष्ण आडवाणी के घर पहुंचकर उन्हें राम मंदिर के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण दिया। निमंत्रण स्वीकार करते हुए आडवाणी ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि ऐसे भव्य प्रसंग पर प्रत्यक्ष उपस्थिति का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि श्रीराम का मंदिर यह सिर्फग् पूजा की दृष्टि से अपने आराध्य का मंदिर नहीं है। इस देश की पवित्रता, मर्यादा की स्थापना पक्का होने का प्रसंग है।
आडवाणी बोले- ‘स्व’ के प्रतीक का पुनर्निमाण हमने किया
आडवाणी ने कहा कि पहली बात, इतने वर्षों के बाद भारत के ‘स्व’ के प्रतीक का पुनर्निर्माण हमने किया। वह हमारे पुरुषार्थ के आधार पर किया। दूसरी खास बात यह है कि जो अपनी एक दिशा होनी चाहिए, उसको पकड़ने का प्रयास भी अनेक दशकों से हम लोग कर रहे थे, वह मिल गई है और स्थापित हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि एक विश्वास सबके मन में स्थापित हुआ है। इस कारण पूरे देश का वातावरण मंगलमय बना है। ऐसे में वह प्रत्यक्ष वहां उपस्थित रहेंगे। उस प्रसंग को देखेंगे। उसमें सहयोगी बनेंगे। आडवाणी ने कहा कि यह कहीं किसी जन्म में पुण्य हुआ होगा, उसी का फल उन्हें मिल रहा है। इसलिए आपका कृज्ञतापूर्वक धन्यवाद करते हैं। ये तो मांग के भी न मिलने वाला अवसर है। वह उन्हें मिला है। जरूर उस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
विहिप उपाध्यक्ष ने कहा था- नहीं आएंगे आडवाणी
बता दें कि इससे पहले विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष और वर्तमान में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव के रूप में कार्यरत चंपत राय ने कहा था कि मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण नहीं बुलाया जाएगा। चंपत राय ने स्थिति स्पष्ट करते हुए राम मंदिर आंदोलन के लिए चले कारसेवा का किस्सा बताया था। उन्होंने कहा कि उस समय बाला साहब देवरस व्हील चेयर पर चलते थे। उन्होंने जिद पकड़ ली थी कि वह भी अयोध्या जाएंगे। हमने कहा कि ठीक है, आने दीजिए। लेकिन ऐन वक्त पर उनसे कहा गया कि आपकी तरफ से वहां पर कारसेवा कर दी गई है। उन्होंने कहा ठीक है।
कल्याण सिंह का भी दिया उदाहरण
चंपत राय ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का उदाहरण भी दिया। उन्होंने बताया कि राम मंदिर से जुड़े एक कार्यक्रम में अयोध्या आने की जिद कल्याण सिंह करने लगे। अब हमारे सामने मुश्किल थी कि उन्हें मना कैसे करें? लड़कों को कहा कि उनको हां-हां करते रहो। आखिरी दिन सोचेंगे। फिर आखिरी दिन उन्हें कहा कि आज आपको नहीं आना है। उन्होंने मान लिया। चंपत राय ने कहा कि घर के बुजुर्गों के साथ ऐसा ही किया जाता है। वो हमारे सिरमौर हैं।
बोले- आडवाणी से आग्रह करेंगे कि वे न आएं
चंपत राय ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी जी का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में होना अनिवार्य है। मगर हम ये भी कहेंगे कि वो कृपया न आएं। आडवाणी जी को आपने देखा भी है या नहीं? आप उनकी आयु में पहुंच पाएंगे या नहीं? डॉ मुरली मनोहर जोशी से मेरी स्वयं बात हुई। चंपत राय ने कहा कि उन्हें फोन पर वह यही कहते रहे कि आप मत आइए और वो जिद करते रहे कि आएंगे। उन्होंने कहा कि वह नहीं समझते की उनसे ज्यादा संबंध आपमें से किसी के होंगे। इसके बावजूद वह उनसे बार-बार कहते रहे कि आप मत आइए। आपकी आयु, सर्दी, आपने घुटने बदलवाए हैं। लेकिन वह कहते रहे कि वह आएंगे। इसके साथ ही चंपत राय ने यह भी कहा कि आडवाणी हमारे घर के सिरमौर हैं।
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