इस बार महाकुंभ मेला 2025 एक अद्भुत खगोलीय नजारे के साथ हो रहा है, जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गया है। इस दौरान चंद्रमा, मंगल, शुक्र और शनि ग्रहों का नजदीकी मिलन होगा, जो एक अनोखा खगोलीय नजारा पेश करेगा। नासा की रिपोर्ट ने इसकी पुष्टि की है।
महाकुंभ मेला 2025 : आसमान में दिखेंगे अद्भुत खगोलीय नजारे, NASA ने की पुष्टि, जानें कौन-कौन सी घटनाएं होंगी खास
Jan 13, 2025 17:19
Jan 13, 2025 17:19
13 जनवरी: चंद्रमा और मंगल का अद्वितीय मिलन
महाकुंभ मेला 2025 का पहला स्नान 13 जनवरी को है और इस दिन आकाश में एक दुर्लभ खगोलीय दृश्य दिखाई देगा। इस दिन चंद्रमा, मंगल ग्रह (Mars) के ठीक सामने से गुजरते हुए नजर आएगा। यह दृश्य एक ऐसे शानदार मिलन का प्रतीक होगा, जो न केवल धार्मिक, बल्कि खगोलशास्त्र प्रेमियों के लिए भी खास होगा। यह अद्भुत दृश्य पूर्व दिशा में देखा जा सकेगा और अगर आप समय पर अपनी नजरें आसमान की ओर उठाएंगे तो यह चमत्कारी घटना आपके दिल को छू जाएगी। कल्पना कीजिए, जब आप प्रयागराज में गंगा के पवित्र तट पर स्नान कर रहे हों और साथ ही आकाश में चंद्रमा और मंगल का यह अद्भुत संगम देख रहे होंगे।
17-18 जनवरी: शुक्र और शनि के बीच का चमत्कारी मिलन
17 और 18 जनवरी को एक और खगोलीय घटना घटित होगी, जब शुक्र (Venus) और शनि (Saturn) ग्रह आकाश में एक-दूसरे के बेहद करीब दिखाई देंगे। दोनों ग्रहों के बीच केवल दो उंगलियों का अंतर दिखाई देगा, जो एक असाधारण दृश्य होगा। यह घटना दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्पष्ट रूप से देखी जा सकेगी। ऐसे में कुंभ मेला में स्नान करने आए श्रद्धालु और आकाश प्रेमी दोनों ही इस अद्भुत दृश्य के साक्षी बनेंगे। दोनों ग्रहों का यह नजदीकी मिलन न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से दिलचस्प है, बल्कि इसके धार्मिक और सांस्कृतिक मायने भी हैं।
बृहस्पति का शानदार आकाशीय नजारा
बृहस्पति ग्रह (Jupiter) इस दौरान आकाश में अपने शानदार रूप में दिखाई देगा। यह ग्रह पृथ्वी के आकाश में बहुत ऊंचाई पर स्थित होगा और अगर आप टेलिस्कोप का उपयोग करते हैं, तो इसकी विशालता को देख पाना एक अविस्मरणीय अनुभव होगा। बृहस्पति की उपस्थिति इस बार कुंभ मेला के समय रात के आकाश को और भी रहस्यमयी और आकर्षक बना देगी।
यूरेनस और नेपच्यून का अद्वितीय दर्शन
अगर आप खगोलशास्त्र में रुचि रखते हैं, तो महाकुंभ मेला के दौरान यूरेनस (Uranus) और नेपच्यून (Neptune) ग्रहों को भी साफ-साफ देखा जा सकेगा। इन दोनों ग्रहों का दृश्य बहुत ही चमत्कारी होगा और यह दर्शाएगा कि ब्रह्मांड की विशालता और अद्भुतता कितनी आश्चर्यजनक है। इन ग्रहों को देखने का अनुभव न केवल खगोलशास्त्रियों के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी एक अविस्मरणीय पल साबित होगा।
ग्रहों का अद्भुत मिलन और Skywatching ऐप्स
महाकुंभ मेला के दौरान ग्रहों की स्थिति में कुछ अंतर हो सकता है, क्योंकि यह हर स्थान पर अलग-अलग नजर आता है। यदि आप यह नहीं पहचान पा रहे हैं कि कौन सा तारा और कौन सा ग्रह है, तो चिंता की कोई बात नहीं। आजकल के तकनीकी युग में Skywatching Apps और Websites की मदद से आप आसानी से यह जान सकते हैं कि आपके शहर से कौन सा ग्रह कब और किस दिशा में दिखाई देगा। इन ऐप्स के जरिए आप अपने आकाशीय सफर को और भी रोमांचक बना सकते हैं।
आने वाली आकाशीय घटनाएं
महाकुंभ मेला 2025 के बाद, 2025 में और भी कई आकाशीय घटनाएं देखने को मिलेंगी, जैसे "पूर्णिमा वुल्फ मून", जो कि बर्फीले चंद्रमा के रूप में प्रसिद्ध है। इसके अलावा, शाकंभरी पूर्णिमा, पौष पूर्णिमा और अन्य खगोलीय घटनाएं भी सामने आएंगी, जो आकाश प्रेमियों के लिए एक अद्भुत अवसर होंगी। ये घटनाएं न केवल खगोलशास्त्र के उत्साही लोगों के लिए हैं, बल्कि सभी लोगों के लिए एक नया अनुभव साबित होंगी।
खगोलीय चमत्कार का हिस्सा बनेगा
कुंभ मेला का महत्व सिर्फ धरती पर ही नहीं, बल्कि आकाश में भी बढ़ने वाला है। NASA की रिपोर्ट से यह साबित हो गया है कि महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन एक खगोलीय चमत्कार का हिस्सा बनेगा। इस दौरान आकाश में घटित होने वाली अद्भुत घटनाएं इसे और भी खास बना देंगी। कुंभ मेला में भाग लेने वाले श्रद्धालु न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि आकाशीय घटनाओं के माध्यम से ब्रह्मांड के रहस्यों का भी हिस्सा बनेंगे।
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