भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा का बुधवार को निधन हो गया। उम्र से जुड़ी बीमारी के बाद 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। रतन टाटा का कोई संतान नहीं है। तो सबसे बड़ा सवाल उठता है, उनकी विरासत कौन संभालेगा?
रतन टाटा के बाद क्या : नोएल संभालेंगे कमान, जानें अब तक कहां थे, उत्तर प्रदेश पर पड़ेगा ये असर...
Oct 11, 2024 17:30
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नोएल माने जा रहे हैं प्रमुख दावेदार
नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। टाटा ग्रुप की कई कंपनियों में अपनी भागीदारी और पारिवारिक संबंधों के कारण, समूह की अगुवाई के लिए प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं। रतन टाटा के निधन के बाद, सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि उन 13 ट्रस्टों की कमान किसके पास जाएगी, जिनकी टाटा समूह में 66.4% हिस्सेदारी है और जिनका मूल्य 34 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इन ट्रस्टों की नेतृत्व क्षमता सीधे तौर पर समूह के उत्तराधिकार को प्रभावित करेगी। रतन टाटा ने ट्रस्टों के उत्तराधिकारी का नाम नहीं लिया था, जिससे नोएल टाटा सबसे मजबूत विकल्प बनकर उभरे हैं। वे दो महत्वपूर्ण ट्रस्टों दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं जो मिलकर टाटा संस में 55% हिस्सेदारी रखते हैं। इस कारण नोएल टाटा संभावित उत्तराधिकारियों में सबसे प्रमुख नजर आ रहे हैं।
कौन हैं नोएल टाटा
नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। वह नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं। नोएल टाटा और रतन टाटा के बीच संबंध शुरुआत में मधुर नहीं थे, लेकिन समय के साथ नोएल का टाटा समूह में महत्व बढ़ता गया। उन्होंने हाल के वर्षों में ट्रस्टों में अपनी भूमिका को मजबूत किया है। फरवरी 2019 में उन्हें सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल किया गया और इससे पहले 2018 में टाटा समूह की महत्वपूर्ण कंपनी टाइटन के वाइस चेयरमैन बने। मार्च 2022 में, नोएल को टाटा स्टील का वाइस चेयरमैन बनाया गया। 2011 में, उन्हें टाटा इंटरनेशनल का चेयरमैन नियुक्त किया गया, और इसके बाद से उन्होंने टाटा के रिटेल चेन ट्रेंट के चेयरमैन के रूप में कार्य किया। ट्रेंट के अंतर्गत क्रोमा, वेस्टसाइड, ज़ूडियो और स्टार बाज़ार जैसी रिटेल चेन शामिल हैं, लेकिन इसमें टाटा स्टारबक्स, टाइटन और तनिष्क शामिल नहीं हैं। नोएल टाटा वोल्टास और टाटा इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन के भी चेयरमैन हैं।
किर्लोस्कर टोयोटा ग्रुप की उत्तराधिकारी से की शादी
2010 से 2021 तक, वे टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर रहे। इस दौरान कंपनी का टर्नओवर 50 करोड़ डॉलर से बढ़ाकर तीन अरब डॉलर तक पहुंचाया। ट्रेंट की शुरुआत 1998 में एक स्टोर से हुई थी और अब इसके 700 स्टोर हैं। नोएल टाटा ने ब्रिटेन के ससेक्स विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर INSEAD के इंटरनेशनल एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम पूरा किया। 32 वर्षीय नेवेली टाटा टाटा समूह के व्यवसायों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। उनकी शादी किर्लोस्कर टोयोटा ग्रुप की उत्तराधिकारी मानसी किर्लोस्कर से हुई है। नेवेली वर्तमान में ट्रेंट के तहत हाइपर मार्केट चेन स्टार बाज़ार का नेतृत्व कर रहे हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और बढ़ती भूमिका के कारण, उन्हें टाटा ग्रुप के अगले संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है।
यूपी पर इसका क्या असर
वहीं नेतृत्व में बदलाव का असर उत्तर प्रदेश में चल रहे टाटा समूह के प्रोजेक्ट पर भी दिख सकता है। उत्तर प्रदेश के कई शहरों में टाटा समूह की सक्रियता है, जिसने प्रदेश को निवेश का सुरक्षित केंद्र बनाने के अपने दावों को मजबूती दी है। टाटा ने अपनी उपस्थिति को केवल नोएडा तक सीमित नहीं रखा, बल्कि श्रावस्ती, बहराइच और शाहजहांपुर जैसे स्थानों तक भी विस्तार किया है। इस समय, टाटा समूह अकेले उत्तर प्रदेश में 60,000 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है और एक लाख करोड़ रुपये के निवेश की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
यूपी को आईटी हब बनाने में टाटा का योगदान
उत्तर प्रदेश में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश की नींव वर्ष 2017-18 में आयोजित पहले निवेशक सम्मेलन में रखी गई थी। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई में रतन टाटा से मुलाकात की और उन्हें यूपी आने का निमंत्रण दिया। जानकारी के मुताबिक उस समय लखनऊ में टाटा मोटर्स के प्लांट को बंद करने की योजना बनाई जा रही थी, लेकिन इस बातचीत के बाद न केवल यह चिंता दूर हुई, बल्कि प्लांट का विस्तार भी संभव हुआ। रतन टाटा ने यूपी को आईटी हब बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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वाराणसी में कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना करना चाहते थे रतन टाटा
रतन टाटा ने नोएडा-एनसीआर से बाहर लखनऊ में टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का मुख्यालय स्थापित कर यूपी को एक नया आईटी केंद्र दिया। पिछले वर्ष सेमी कंडक्टर कॉम्प्लेक्स के संबंध में उनकी टाटा समूह के साथ वार्ता हुई, जिसमें उन्होंने इस परियोजना के प्रति अपनी उत्सुकता जताई। यूपी के प्रति उनका दृष्टिकोण सकारात्मक रहा, जिसके चलते टाटा समूह ने 25,000 करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए। सीएम योगी से अपनी मुलाकात के दौरान, रतन टाटा ने वाराणसी में कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना का वादा किया और लखनऊ या आगरा में से किसी एक शहर को गोद लेने का भी आश्वासन दिया।
यूपी में टाटा का कारोबारी निवेश
- टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस)
- टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (टीपीआरईएल)
- टाटा मोटर्स लिमिटेड, लखनऊ
- टाटा पावर थर्मल पावर प्लांट
- भारतीय होटल कंपनी (आईएचसीएल)
- टाटा यूरेका पार्क
- गोद लिए 150 आईटीआई
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