ओलंपिक में भारत के निशानेबाज स्वप्निल कुसाले ने इतिहास रच दिया है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है। 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस इवेंट में स्वप्निल ने कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है।
ओलंपिक में तीसरा पदक : स्वप्निल कुसाले ने जीता कांस्य, सीएम योगी ने दी बधाई
Aug 01, 2024 14:47
Aug 01, 2024 14:47
अपलब्धि इसलिए महत्वपूर्ण
50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस इवेंट में स्वप्निल ने कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। यह जीत विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि स्वप्निल कुसाले इस इवेंट में ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय निशानेबाज बने हैं। 29 वर्षीय स्वप्निल का यह पहला ओलंपिक था और उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में पदक जीतकर एक नया इतिहास लिखा।
12 सालों की मेहनत लाई रंग
स्वप्निल कुसाले का यह सफर आसान नहीं था। कोल्हापुर के इस निशानेबाज ने 12 सालों से ओलंपिक में क्वालिफाई करने की कोशिश की थी। जब पेरिस ओलंपिक में उन्हें मौका मिला, तो उन्होंने इस मौके को पूरी तरह से भुनाया और देश के लिए कांस्य पदक जीता। स्वप्निल ने 451.4 अंकों के साथ ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया और वर्ल्ड नंबर 1 शूटर को हराकर यह कामयाबी हासिल की।
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ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्णिम पल
स्वप्निल कुसाले भारत के लिए ओलंपिक मेडल जीतने वाले महज सातवें शूटर हैं। पेरिस ओलंपिक में अब तक तीन भारतीय शूटर्स ने देश को मेडल दिलाया है। मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल इंडिविजुअल और मिक्स्ड इवेंट में कांस्य पदक जीता, उनके साथ सरबजोत ने भी मेडल जीता था। अब 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस में स्वप्निल ने कांस्य पदक जीतकर इस सूची में अपना नाम दर्ज कराया।
स्वप्निल की ऐतिहासिक जीत
स्वप्निल की इस जीत को भारत में निशानेबाजी के लिए एक मील का पत्थर माना जा रहा है। उनकी सफलता न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत मेहनत और समर्पण का परिणाम है, बल्कि यह भारत के निशानेबाजों के लिए एक प्रेरणा भी है। यह पदक स्वप्निल के लिए उनकी मेहनत और संघर्ष का प्रतीक है और उन्होंने यह साबित कर दिया कि सही समय पर सही तैयारी के साथ किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
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देशभर में खुशी की लहर
स्वप्निल कुसाले की इस ऐतिहासिक जीत पर देशभर में खुशी की लहर दौड़ गई है। खेल प्रेमियों से लेकर उनके परिवार और दोस्तों तक, सभी ने उनकी इस उपलब्धि की सराहना की है। स्वप्निल के इस प्रदर्शन ने देश को गर्व महसूस कराया है और भारतीय खेलों में उनकी इस सफलता को हमेशा याद किया जाएगा।
स्वप्निल कुसाले की यह जीत न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक गर्व का पल है। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है और उन्होंने साबित कर दिया है कि कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उनकी इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही भारत ने एक और ओलंपिक पदक अपने नाम किया है, जिससे देशभर में खुशी और गर्व का माहौल है।
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