सपा ने पूर्व आईएएस अधिकारी आलोक रंजन को प्राथमिकता देकर कायस्थ समाज को साधा है। आलोक रंजन उत्तर प्रदेश में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। अखिलेश की थिंक टैंक का हिस्सा रहे हैं। हालांकि वे जीत दर्ज नहीं कर सके।
Rajya Sabha Election 2024 : आलोक रंजन के बहाने सपा ने अगड़ों में बनाई पैठ, लेकिन जिताने में नहीं हो पाई कामयाब
Feb 27, 2024 15:20
Feb 27, 2024 15:20
- मई 2014 से जून 2016 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह के अधीन राज्य के मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया
- सेवानिवृत्ति पर उन्हें कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ उनका मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया
उत्तर प्रदेश में एक जाना-पहचाना चेहरा
1978-बैच के आईएएस अधिकारी आलोक रंजन उत्तर प्रदेश में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं। 67 वर्षीय रंजन ने मई 2014 से जून 2016 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह के अधीन राज्य के मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया और सेवानिवृत्ति पर उन्हें कैबिनेट मंत्री के दर्जे के साथ उनका मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया। वह मार्च 2017 में सपा सरकार के कार्यकाल के अंत तक इस पद पर रहे।
अखिलेश की "थिंक टैंक में शामिल रहे
रिटाटरमेंट के बाद, उन्हें यूपी के मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार और यूपीएसआईडीसी (उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। राज्य विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी सरकार की हार के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। आलोक रंजन अखिलेश की "थिंक टैंक" और "रणनीति बनाने वाली" टीम का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने सपा के 2022 विधानसभा चुनाव घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और दस्तावेज़ जारी करने के समय वह अखिलेश के साथ थे।
कई प्रमुख परियोजनाएं निष्पादित की
पूर्व आईएएस अधिकारी ने अपने कार्यकाल के दौरान सपा सरकार में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे और लखनऊ मेट्रो से लेकर डायल 100 कार्यक्रम तक कई प्रमुख परियोजनाएं निष्पादित की। रंजन ने अखिलेश सरकार में बुनियादी ढांचा एवं औद्योगिक विकास विभाग के आयुक्त के रूप में भी काम किया था। 2002 में, वह केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव रक्षा थे। इससे पहले, उन्होंने 1998 में भाजपा सीएम कल्याण सिंह के सचिव के रूप में कार्य किया था।
व्यक्तिगत परिचय
आलोक रंजन का जन्म 9 मार्च 1956 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव में हुआ। इनकी धर्मपत्नी का नाम सुरभि रंजन हैं। दोनों के दो बच्च
बच्चे शिवम रंजन और शिखर रंजन हैं। बचपन से ही पढ़ने-लिखने में काफी तेज रहे। अपनी तीक्ष्ण बुद्धि के कारण ही इन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने का मन बनाया। आलोक रंजन यूपी कैडर से 1978 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। वह दो साल से अधिक समय तक उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव का पद संभालने के बाद 1 जुलाई 2016 को रिटायर हुए।
शिक्षा
- बीए (ऑनर्स) अर्थशास्त्र, सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय
- एमबीए (पीजीडीएम,2 वर्ष), आईआईएम अहमदाबाद
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