सुप्रीम कोर्ट में चल रहे पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक दवा विज्ञापन मामले में कंपनी ने कोर्ट से माफी मांगी है। दरअसल पतंजलि आयुर्वेद और उसके एमडी आचार्य बालकृष्ण ने...
Breaking News : पतंजलि ने भ्रामक दवा विज्ञापन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी
Mar 21, 2024 11:41
Mar 21, 2024 11:41
कोर्ट मे पेश होने का दिया था आदेश
बात दें कि कोर्ट ने 2 अप्रैल 2024 को स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में पेश होने को कहा है। कंपनी और आचार्य बालकृष्ण ने नोटिस का जवाब दाखिल नहीं किया, जिसकी वजह से यह आदेश जारी किया गया था। वहीं अब उन्हें अगली तारीख पर कोर्ट में पेश होना पड़ सकता है। कोर्ट ने 19 मार्च को हुई सुनवाई में नोटिस जारी कर ये भी पूछा था कि उनके खिलाफ क्यों न अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए। जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। इससे पहले 27 फरवरी को इस मामले की सुनवाई हुई थी। 27 फरवरी की सुनवाई में कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले दवा विज्ञापनों पर रोक लगाई थी।
इस याचिका पर सुनवाई कर रही कोर्ट
जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से 17 अगस्त 2022 को दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जिसमें यह कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया। इसके साथ ही वहीं खुद की दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया।
आदेश के बाद भी पतंजलि ने जारी किए थे विज्ञापन
बता दें इससे पहले हुई सुनवाई में आईएमए ने दिसंबर 2023 और जनवरी 2024 में प्रिंट मीडिया में जारी किए गए विज्ञापनों को कोर्ट के सामने पेश किया। इसके अलावा 22 नवंबर 2023 को पतंजलि के CEO बालकृष्ण के साथ योग गुरु रामदेव की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में भी बताया। पतंजलि ने इन विज्ञापनों में मधुमेह और अस्थमा को 'पूरी तरह से ठीक' करने का दावा किया था।
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