माता प्रसाद पांडेय, जो सिद्धार्थनगर के इटवा से विधायक हैं और मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी रहे हैं, को इस महत्वपूर्ण भूमिका के लिए चुना गया है। पांडेय पूर्व में यूपी विधानसभा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और सात बार के विधायक हैं।
7 बार के विधायक, यादव परिवार के करीबी : जानिए कौन हैं माता प्रसाद पांडेय, जिन्हें अखिलेश ने बनाया विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष
Jul 28, 2024 17:12
Jul 28, 2024 17:12
- 1980 में शुरू हुआ था सियासी सफर
- छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय
- अखिलेश ने बनाया विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष
1980 में शुरू हुआ था सियासी सफर
माता प्रसाद पांडेय का राजनीतिक सफर 1980 में जनता पार्टी से शुरू हुआ था, जब उन्होंने पहली बार विधानसभा में जगह बनाई। इसके बाद उन्होंने लोकदल और जनता दल से भी चुनाव जीते। हालांकि, 1991 और 1996 के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2002, 2007, और 2012 में सपा के टिकट पर उन्होंने विधानसभा में पुनः वापसी की, लेकिन 2017 में हार का सामना किया। साल 2022 में अखिलेश यादव ने पांडेय पर भरोसा जताया और उन्हें चुनाव मैदान में उतारा। इस बार उन्होंने जीत हासिल की और सातवीं बार विधानसभा में पहुंचे। माता प्रसाद भाकर को स्वास्थ्य और श्रम जैसे महत्वपूर्ण विभागों में मंत्री के रूप में सेवा देने का अनुभव भी है, जो उनकी राजनीति में गहरी पकड़ को दर्शाता है।
छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय
माता प्रसाद पांडेय का जन्म 31 दिसंबर 1942 को सिद्धार्थनगर में हुआ था और वे छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने समाज के गरीब और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए कई आंदोलन किए हैं। उनकी गिनती सपा के कद्दावर नेताओं में होती है और उन्होंने पार्टी के टिकट वितरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अखिलेश यादव के संसद में जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी को लेकर चर्चा जारी थी। शिवपाल यादव, इंद्रजीत सरोज और तूफानी सरोज जैसे नाम इस पद के लिए उभरे, लेकिन अखिलेश ने माता प्रसाद पांडेय को चुना। अब पांडेय उत्तर प्रदेश विधानसभा में सपा की आवाज़ को बुलंद करेंगे और महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाएंगे।
29 जुलाई से शुरू होगा विधानसभा सत्र
माता प्रसाद पांडेय के नाम की घोषणा से पहले शिवपाल यादव, इंद्रजीत सहरोज और तूफानी सरोज जैसे नामों पर चर्चा चल रही थी। लखनऊ में तीन घंटे तक चली बैठक के बाद अखिलेश यादव ने पांडेय को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने का फैसला किया। इस निर्णय से सपा ने ब्राह्मण समुदाय को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे पार्टी की रणनीति में नई दिशा आई है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 29 जुलाई से शुरू होने वाला है। इस सत्र से ठीक पहले अखिलेश यादव ने विधायकों और सीनियर नेताओं के साथ विचार-विमर्श किया और माता प्रसाद पांडेय को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया। इसके साथ ही, विधायक महबूब अली को विधानसभा का अधिष्ठाता मंडल, कमाल अख्तर को मुख्य सचेतक, और राकेश कुमार उर्फ डॉ. आर के वर्मा को उप सचेतक नियुक्त किया गया है।
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