महिला दिवस विशेष : टीवी से लेकर राजनीति में स्मृति ईरानी ने पाई खास सफलता, इस सीट पर हुआ हार-जीत का सामना

टीवी से लेकर राजनीति में स्मृति ईरानी ने पाई खास सफलता, इस सीट पर हुआ हार-जीत का सामना
UPT | स्मृति ईरानी

Mar 08, 2024 16:30

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 80 सीटों में से 73 सीटों पर भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल ने जीत हासिल की थी। वहीं बचीं हुईं सात सीटें में से दो कांग्रेस और पांच सीटें...

Mar 08, 2024 16:30

New Delhi News : स्मृति जुबिन ईरानी ने राष्ट्रीय राजधानी में ही शिक्षा ग्रहण की। वे सौंदर्य प्रसाधनों के प्रचार से लेकर मिस इंडिया प्रतियोगिता की प्रतिभागी भी बनीं। मॉडलिंग में प्रवेश करने से पहले, वह मैकडॉनल्ड्स में वेट्रेस और क्लीनर के पद पर कार्यकर चुकी हैं। बाद में वेमुंबई चली आयीं, जहां उन्होंने टेलीविजन धारावाहिक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में ‘तुलसी’ का केन्द्रीय किरदार निभाया और चर्चित हुईं।

नेहरू-गांधी परिवार से स्मृति ने लिया बदला
आपको बता दें कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की 80 सीटों में से 73 सीटों पर भाजपा और उसके सहयोगी अपना दल ने जीत हासिल की थी। वहीं बचीं हुईं सात सीटें में से दो कांग्रेस और पांच सीटें सपा ने जीती थीं। इनमें अमेठी सीट भी शामिल थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर राहुल गांधी ने स्मृति ईरानी को हराया था। हार के बाद भी स्मृति ईरानी को नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया था। 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से ही स्मृति ईरानी नेहरू-गांधी परिवार पर हमलावर रही हैं। स्मृति ने 2014 की हार का बदला 2019 के चुनाव में ले लिया। इस चुनाव में एक बार फिर स्मृति और राहुल आमने-सामने थे और स्मृति ने यहां से जीत हासिल कर अपना बदला लिया।

स्मृति का राजनीतिक जीवन 
स्मृति ईरानी के राजनीतिक जीवन की शुरूआत 2003 में हुई, जब वह भारतीय जनता पार्टी की सदस्य बनी और इसके साथ ही उन्होने दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। हालांकि वे हार गईं। वर्ष 2004 में उन्हें महाराष्ट्र यूथ विंग का उपाध्यक्ष बनाया गया। इसके साथ ही पार्टी ने स्मृति को पांच बार केंद्रीय समिति के कार्यकारी सदस्य के रूप में मनोनीत किया और राष्ट्रीय सचिव के रूप में भी नियुक्त किया। वर्ष 2010 में उन्हें भाजपा महिला मोर्चा की कमान सौंपी गई। इसके बाद साल 2011 में स्मृति ईरानी को गुजरात से राज्यसभा की सांसद बनाया गया। इसी वर्ष स्मृति हिमाचल प्रदेश में महिला मोर्चे की भी कमान सौंप दी गई। भारतीय आम चुनाव, 2014 में स्मृति ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास के खिलाफ अमेठी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा और उन्हें कड़ी चुनौती दी। हालकिं वह चुनाव हार गईं। 

स्मृति का रहा विवादों से नाता
जानकारी के लिए बता दें कि साल 2011 में स्मृति ईरानी को राज्यसभा भेजा गया। इसके एक साल बाद ही स्मृति ईरानी को भारतीय जनता पार्टी का वाइस-प्रसिडेंट बनाया गया। स्मृति 2011 से लेकर मई 2014 तक कोयला एवं स्टील कमिटी की सदस्य रहीं। 26 मई 2014 को स्मृति ईरानी मानव संसाधन विकास मंत्री बनीं। वह कई विवादों में भी घिरी। पहला विवाद उनकी शिक्षा को लेकर हुआ। विपक्ष ने उन पर जमकर हमला किया और यहां तक कहा गया कि वह शिक्षा मंत्री बनने की योग्यता नहीं रखती हैं। दरअसल, इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब स्मृति के 2004 एवं 2014 के शैक्षणिक योग्यता में अलग-अलग बात बताई गई।

Also Read

दून एक्सप्रेस को डिरेल करने की कोशिश नाकाम, बिजली का खंभा पटरी पर रखा मिला

19 Sep 2024 11:13 PM

रामपुर रामपुर-काठगोदाम रेल मार्ग : दून एक्सप्रेस को डिरेल करने की कोशिश नाकाम, बिजली का खंभा पटरी पर रखा मिला

रामपुर-काठगोदाम रेलवे रूट पर एक बड़ी दुर्घटना को टालते हुए लोको पायलट की सूझबूझ ने एक संभावित हादसे से यात्रियों की जान बचा ली। बुधवार रात रुद्रपुर के पास रेलवे ट्रैक पर सात मीटर लंबा बिजली का खंभा रखकर काठगोदाम-देहरादून एक्सप्रेस को डिरेल करने की कोशिश की गई। और पढ़ें