भारतीय स्टेट बैंक ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट से मिले आदेश के बाद आखिरकार अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है। एसबीआई की तरफ से कहा गया है कि बैंक ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारियां उपलब्ध करा दी हैं।
एसबीआई ने दाखिल किया हलफनामा : सुप्रीम कोर्ट से कहा- इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी सौंप दी
Mar 21, 2024 17:06
Mar 21, 2024 17:06
- इलेक्टोरल बॉन्ड पर एसबीआई ने दाखिल किया हलफनामा
- कोर्ट से कहा- सारी जानकारी दे दी
- भाजपा को मिला बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा
कौन-सी जानकारी अब भी नहीं दी?
स्टेट बैंक ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में बताया है कि उसकी तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारियां दे दी गई हैं। बैंक ने कहा कि अब केवल बैंक अकाउंट नंबर और KYC की जानकारी ही शेष है। इसके अलावा अन्य कोई भी डिटेल नहीं रोकी गई है। इसके पीछे एसबीआई ने तर्क दिया कि सुरक्षा कारणों से चंदा देने वालों और राजनीतिक दलों के KYC नंबर सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले पर सुनवाई करते हुए एसबीआई को फटकार लगाई गई थी। कोर्ट ने तब कहा था कि 'एसबीआई जानकारियों की खुलासा करते वक्त सेलेक्टिव नहीं हो सकता। आप हमारे आदेश का इंतजार न करें। अगर SBI चाहती है हम ही उसे बताएं किसका खुलासा करना है, तब वे बताएंगे, तो ये रवैया सही नहीं है।' कोर्ट ने उस वक्त एसबीआई को ये आदेश भी दिया था कि वह सारी जानकारियां देने के बाद अदालत में हलफनामा दाखिल कर बताए कि उसने कोई जानकारी छिपाई नहीं है।
भाजपा को मिला बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा
एसबीआई द्वारा जारी किए गए डाटा के मुताबिक इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा राशि चंदे के रूप में मिली। इसमें भाजपा को 6060 करोड़ रुपये, तृणमूल कांग्रेस को 1609 करोड़, कांग्रेस को 1421 करोड़, बीआरएस को 1214 करोड़, बीजद तो 755 करोड़ और डीएमके को 639 करोड़ रुपये मिले। इसके अलावा सबसे ज्यादा चंदा देने वाली कंपनियों की सूची में फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज पीआर का नाम टॉप पर है। इस कंपनी ने 1368 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदे के रूप में दिए हैं।
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