महिला दिवस विशेष : प्रेशर कुकर की सीटी से निकली धुन, विदेशों में बनी पहचान, बन गया भारत का पहला फीमेल मिशन रॉक बैंड

प्रेशर कुकर की सीटी से निकली धुन, विदेशों में बनी पहचान, बन गया भारत का पहला फीमेल मिशन रॉक बैंड
UPT | भारत के पहले मिशन महिला रॉक बैंड की प्रेरणादायक कहानी।

Mar 08, 2024 08:00

रसोई से निकले बैंड ने देश की महिलाओं के लिए ऐसा काम किया, जिससे उनकी देश-विदेश में सराहना होती है। इनके चिमटे, तवा, ओखल और प्रेशर कुकर की सीटी से निकली धुन ने इन्हें अलग पहचान दी। इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बात 'मेरी जिंदगी' फीमेल रॉक बैंड की, जो...

Mar 08, 2024 08:00

Short Highlights
  • 2003 में मास्टर डिग्री और फिर शास्त्रीय संगीत में पीएचडी की, पांच साल से ज्यादा समय तक रेडियो जॉकी रहीं 
  • 2000 में भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय से शास्त्रीय संगीत में विशारद की पढ़ाई पूरी की
  • शुरुआती दिनों में म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट के रूप में घंटी, ओखल, चिमटा बेलन और रसोई के दूसरे बर्तनों का इस्तेमाल किया 
नोएडा (इला भटनागर/ज्योति यादव) : लखनऊ का ये फीमेल मिशन रॉक बैंड महिलाओं द्वारा बनाया भारत का, पहला मिशन फीमेल रॉक बैंड है। ये बैंड सिर्फ गीतों के माध्यम से ही ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के लिए जागरूकता नहीं फैला रहा है, बल्कि ये बैंड एक अपनी सामाजिक जिम्मेदारी भी निभा रहा है। बैंड की फाउंडर जया तिवारी ने इस बात पर जोर दिया कि उनका संगीत भारतीय और पश्चिमी संगीत का मिश्रण हो और इसमें उत्तर प्रदेश के लोक संगीत और रैप भी शामिल हो। इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बात 'मेरी जिंदगी' फीमेल रॉक बैंड की, जो रसोई के सामान से साज बजाता है और समाज को संदेश देने का काम करता है। अब तक 550 से ज्यादा म्यूजिक कंसर्ट कर चुकी 'मेरी जिंदगी' बैंड की फाउंडर डॉ. जया तिवारी सामाजिक मुद्दों से जुड़े गीत गाकर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही हैं।  

बोल दो जरा, क्यों कहा ही नहीं
प्रेशर कुकर से सुर निकलने की जहां तक बात है तो समाज में जो तापमान है, उसने ही हमें गीत लिखने और गाने के लिए प्रेरणा दी। बैंड की फाउंडर जया कहती हैं कि कुछ ऐसी बातें समाज में देखने को मिलती हैं और उसी में से उपजे सवालों को ढूंढते हुए मैंने ये बैंड बनाया। मकसद यही था कि समाज में कुछ बदलाव लाना था और हमने अपना बैंड शुरू किया। प्रेशर कुकर की सीटी हमारे सपनों को पूरा करने और दुनिया का सामना साहसपूर्वक तरीके से करने के लिए हमें तैयार करती है। ये जो चिमटा है, वो सिर्फ चिमटा नहीं है। कितनी बार आग में तपकर रोटी बनाता है... तो तपना है हमें और इस तपन को खुद भी महसूस करिए और अपने अंदर उस इच्छाशक्ति को जगाएं, जहां पर आप चाहती हैं अपनी बात पहुंचना, उसे वहां तक ले जाएं। जया कहती हैं, हमारा एक गीत है- बोल दो जरा, क्यों कहा ही नहीं। मतलब ये कि आप एक बार जरूर बोलिए।

बैंड की थीम रखी सेव गर्ल्स चाइल्ड
आज ये जिंदगी बैंड पूरे भारत में घूम घूमकर महिलाओं/ बेटियों और बहनों की सुरक्षा, शिक्षा और उनके स्वास्थ्य के लिए जागरूकता के गीत बनाता और गुनगुनाता है। अक्सर लोग पूछते हैं कि बैंड बनाने की प्रेरणा कैसे मिली, कहां से शुरुआत हुई, परिवार से क्या सहयोग मिला? दरअसल, होता यह है कि हम यही मानते हैं कि जब हमें कोई तकलीफ पहुंची हो तभी हम आवाज उठाते हैं। लेकिन, मेरे साथ ऐसा नहीं था। मैं लाड़-दुलार से पाली गई। पापा-मम्मी भाई पूरे परिवार ने मेरा सपोर्ट किया। लेकिन, जब अपने आसपास देखती थी उन लड़कियों को, जिनका बचपन मेरे से बिल्कुल उलटा था। जैसे ये न करो... वहां नहीं जाओ... ऐसे बैठो.. ये पहनो। जब ऐसी चीजें देखती थी तो यही सोचती थी कि वह आजादी जो मुझे मिली है, वह उनको क्यों नहीं मिली। बस इन्हीं सवालों ने मुझे कौंधना शुरू किया और महिलाओं की आजादी के लिए मेरी लड़ाई शुरू हुई। धीरे-धीरे इस तरह के गाने लिखती गई और एक दिन हमारा बैंड 'मेरी जिंदगी' बनकर सामने आया। बैंड की थीम रखी सेव गर्ल्स चाइल्ड। हम इसी थीम के साथ शहर में और बाहर मोटिवेशनल परफॉर्मेंस देते हैं। 

म्यूजिक को ही हथियार बना लिया
संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त रेडियो डिस्क जॉकी रहीं जया तिवारी के मन में इन लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए संगीत का उपयोग करने का विचार आया। जया कहती हैं कि भातखंडे से मैंने संगीत की शिक्षा ली, पीएचडी की है। मैंने सोचा कि जिसके पास जो स्किल होता है, वह उसको हथियार बनाता है। मेरे पास संगीत था, इसी को मैंने अपना हथियार बनाया। इसी से फीमेल मिशन रॉक बैंड शुरू करने का विचार आया, जो लैंगिक असमानता से निपटने के लिए संगीत को एक उपकरण के रूप में उपयोग करेगा। हालांकि ये इतना आसान भी नहीं था। समान विचारधारा वाली महिलाओं को ढूंढने में लगभग दो साल लग गए। जया याद करती हैं- कुछ लड़कियों के माता-पिता और उनके परिवारों ने विरोध किया था, लेकिन कुछ के परिवार ने हमारे काम की तारीफ की... बस फिर क्या था, तमाम दिक्कतों के सामने हम हारे नहीं और संगीत के जरिए अपनी बात कहने लगे। बैंड ने साल-2010 से अपनी यात्रा शुरू की और अभी तक जारी है। आज इस बात से भी खुश हूं कि बैंड ने पिछले 14 वर्षों से शो के जरिए अपने प्रशंसकों का भरपूर मनोरंजन किया है। मेरी जिंदगी के सदस्यों ने 100 से अधिक गीतों की रचना की है। दो एल्बम और कई संगीत वीडियो जारी किए हैं। पूरे भारत में 550 से अधिक लाइव शो किए हैं।

हमारी यात्रा आसान नहीं रही 
पहले परफॉरमेंस के बारे में बैंड की संचालिका जया तिवारी बताती हैं कि साल-2010 में हमने 'मेरी जिंदगी' बैंड शुरू किया। तब हमारे पास कुछ नहीं था। सिर्फ एक गिटार था। अब हमने सोचा कि रिदम के लिए क्या किया जाए। हमारे पास साधन नहीं थे, बस काम करना था... सो हमने ओखल, चिमटा लिया, गिलास में चम्मच डालकर, डिब्बियों में थोड़ी सी दाल डालकर संगीत के साथ गीत बनाते हुए ही हमने परफॉर्म किया था। हां, पहले शो में कम रिस्पांस मिला। जया गर्व से कहती हैं कि यह इस बात का प्रतीक है कि घर के काम एक महिला की ताकत हैं, कमजोरी नहीं।

महिला सशक्तिकरण का संदेश देगा बैंड
'मेरी जिंदगी' बैंड राजस्थान के बाड़मेर से लेकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश के हर कोने में हर राज्य में जाता है और हम महिलाओं, लड़कियों से जुड़े मुद्दों को उठाते रहते हैं। हम अभी कुछ दिन पहले ही राजस्थान के बॉर्डर बाड़मेर में परफॉर्म करके लौटे हैं। 8 मार्च को हरदोई में एक फाउंडेशन के लिए परफॉर्म कर रहे हैं और लखनऊ में डिबेट है, जिसके जरिए हमारा बैंड महिला सशक्तिकरण का संदेश देगा।

मिशन के साथ जागरूकता का संदेश देना मकसद
'मेरी जिंदगी' बैंड अपने साथ मिशन लेकर चलता है। देश का एकमात्र महिला मिशन बैंड 'मेरी जिंदगी' 14 वर्षों से सम्पूर्ण भारतवर्ष में बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा के साथ महिला सशक्तीकरण, बाल पोषण, महिला सम्मान पर समाज को जागरूक करता रहा है। युवकों में देश के प्रति समर्पण, सेना सम्मान, सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाना, पर्यावरण सुरक्षा, नमामि गंगे के साथ स्वच्छता के लिए जन-जन को जागरूक करना बैंड की प्राथमिकता रहा है। बॉलीवुड नंबर्स पर बैंड परफार्म नहीं करता है।

सेना से लेकर समाजसेवी संगठनों से मिलता है निमंत्रण
संदेश देते गानों के कारण 'मेरी जिंदगी' बैंड को महिला समाख्या, वॉटरएड इंडिया, यूनिसेफ और महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली सरकारी और स्वयं सेवी संस्थाएं अपने लिए शोज करने के लिए बुलाती हैं। बहुत से लोग चाहते हैं कि हम इन विषयों पर गीत लिखें, जैसे मध्य प्रदेश की एक एनजीओ बच्चियों पर काम कर रही है, उसने बालिका विवाह पर गीत लिखवाया। भारतीय सेना ने भी बैंड को कश्मीर में शो करने के लिए बुलाया था। ताकि हम अपने गीत-संगीत के जरिए वहां की महिलाओं को ये समझा सकें कि उनके लिए भी पुरुषों की तरह शिक्षा और समानता का अधिकार है। इसके लिए बैंड ने उपने गीतों के जरिए उनमें जागरूकता फैलाने का काम किया। 
 
उनके हिट गानों की लिस्ट
  • सेव द गर्ल चाइल्ड के बोल हैं, 'देश बचाना है तो, बेटियां बचा लो' ये गाना बेटियों को आगे बढ़ाने का संदेश देता है। 
  • कन्या भ्रूण हत्या के बारे में उनके दिल दहला देने वाला गीत है 'तेरी गली में ना आएंगे कभी इस रात बाद, मां, मेरी मां'
  • महिलाओं को घरेलू हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करता गीत 'पुष्पा तेरा डर है क्या, पुष्पा आई हेट टीयर्स'
  • लड़कियों को बड़े सपने देखने का संदेश देता है 'प्रेशर कुकर की सीटी बजने दो, मेरी हिम्मत बढ़ने दो'
  • कैसे दूल्हा पक्ष लड़की के रंग को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करता है इसे 'हम काले हैं' गाने में बताया गया है
  • पैन इंडिया एंटी-स्मोकिंग ड्राइव का हिस्सा और कैंसर सपोर्ट सोसायटी द्वारा संचालित गाना 'नो सुट्टा' है
  •  महिला खुद की छत बनाने की कोशिश करे इसे गाने में पिरोया 'ढूंढो खुद को, खुद में, खुद से, खुदी, खुदा बन जाओगी'  
  • पति के लिए पत्नी की औकात पर तंज 'चव्वनी से औकात दिखा दी है सनम। सोडा सी बोतल से तुम खाली बोतल से हम'
  •  किसी भी पुरुष के झांसे में आने वाली लड़कियों को सचेत किया 'प्यार व्यार धोका शोकाआ, इश्क से दुनिया नई रोका'
अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मिली
बैंड की सभी मेंबर मिडिल क्लास से हैं। इसलिए हमारे लिए रिहर्सल के लिए जगह ढ़ूंढना जरा मुश्किल रहा। हम सुबह 5 बजे पार्क में जाकर रिहर्सल करते थे। वहां लोग हमें देखते और सुनते थे और उनसे मिली तारीफ ने हमारे कदमों को रुकने नहीं दिया। आज इस बैंड को महिला सशक्तिकरण के रूप में मान्यता मिली। बैंड के गाने एक ऑस्ट्रेलियाई रेडियो पर भी बजाए गए। जया बताती हैं कि जब हमने शुरुआत की तो सबको काफी परेशानी भी आई। हम न सिर्फ शहर के अलग-अलग कोनों में रहते, बल्कि हमारे काम भी अलग हैं। कोई पढ़ाई करता था तो कोई नौकरी। हमारे लिए लंबी दूरी तय करना कठिन होता था। सुबह 5 से 8 बजे तक प्रैक्टिस करते, क्योंकि बैंड के कुछ सदस्य छात्र थे और उन्हें कॉलेज जाना होता था। हम आधी नींद में होते थे, लेकिन रिहर्सल की ऊर्जा ने हमें जगा देती थी। हम कामकाजी महिलाएं हैं, हम अपने करियर, परिवार और बैंड के बीच संतुलन बनाते हैं। 'मेरी जिंदगी' बैंड हमारा हमारा जुनून है। 

बैंड में 5 सदस्य हैं
बैंड की फाउंडर जया और उनकी टीम संगीत के साथ अलग-अलग प्रोफेशन से हैं। बैंड की फाउंडर जया तिवारी लिरिक्स लिखती हैं, बैंड के साथ जैमिन करना यह सब करती हैं। वे कम्युनिटी रेडियो से जुड़ी हैं। पूर्वी मालवीय बैंड के लिए गिटार बजाती हैं, पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। सौभाग्या दीक्षित सीनियर कॉन्टेंट राइटर हैं और बैंड के लिए तबला बजाती हैं। वहीं, निहारिका दुबे रेडियो जॉकी हैं और सिंथेसाइजर प्लेयर हैं। बैंड के लिए मेघना ड्रम बजाती हैं। जया कहती हैं कि मैं कभी भी ऐसे गीत नहीं लिखती, जिनसे महिलाओं का अपमान हो या उसमें कामुकता झलके। 
 

'मेरी जिंदगी'सिर्फ एक बैंड नहीं, बल्कि लड़कियों के लिए अपने सपने पूरे करने का एक माध्यम है। यह पुरुष विरोधी बैंड नहीं है। - जया तिवारी, फाउंडर, मेरी जिंदगी बैंड


साड़ी ही पहचान बनी
जया कहती हैं कि जब बैंड शुरू हुआ तो हम मैजेंटा रंग के कुर्ते और काले रंग की पैंट में परफॉर्म करते थे। मैंने अपना पहला शो बनारस जेल में किया था। जेल की महिलाओं ने कतरनों से डिजाइनर ड्रेस तैयार की थी। लेकिन, जब मैंने गांवों और छोटे शहरों में शो किए तो मुझे एहसास हुआ कि साड़ी में शो करना बेहतर होगा, क्योंकि हमारा संगीत लाखों महिलाओं के जीवन का प्रतिबिंब है। हम जब साड़ी पहनकर परफार्म करती हैं तो हमारे गांव की महिलाओं और गृहिणियों को कनेक्टिंग फील होता है। वह कहीं न कहीं खुद को जुड़ा हुआ महसूस करती हैं। उनको लगता है कि अरे, यह तो हमारे जैसी हैं। लड़कियां हमसे जुड़ाव महसूस करती हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे अपनी कहानियां सुन रही हैं।

बॉडी शेमिंग पर कमेंट
जब महिलाएं कोई काम कर रही होती हैं, खासकर जो लीक से हटकर होता है तो कई तरह की दिक्कतों को फेस करना होता है। जैसे कभी कोई मुझे मेरे कपड़ों पर, बॉडी शेमिंग पर जज करता है, लोग मुझे मेरे मोटापे पर, मेरे रंग पर, मेरे हिंदी बोलने कमेंट करते हैं। लेकिन, मैं इन बातों की परवाह नहीं करती। किसी को लगता है कि रॉक बैंड और वो भी हिंदी गाने... मतलब इस दुनिया में दो तरह के लोग हैं, एक सराहना करने वाले तो दूसरे गुमराह करने वाले। मेरा मानना है कि आप अपने लक्ष्य पर डटे रहो और अपना काम करते चलो।

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