देरी से ऑफिस पहुंचने वालों की खैर नहीं : 15 मिनट लेट हुए तो कटेगी आधे दिन की सैलरी, सरकार ने दिए सख्त आदेश

15 मिनट लेट हुए तो कटेगी आधे दिन की सैलरी, सरकार ने दिए सख्त आदेश
UPT | सरकारी ऑफिस

Jun 22, 2024 10:46

नए नियमों के तहत, जो कर्मचारी 15 मिनट से अधिक की देरी से कार्यालय ऑफिस हैं, उन्हें अब माफी नहीं दी जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Jun 22, 2024 10:46

New Delhi : केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए समय पर ऑफिस पहुंचने के संबंध में सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए नियमों के तहत, जो कर्मचारी 15 मिनट से अधिक की देरी से कार्यालय ऑफिस हैं, उन्हें अब माफी नहीं दी जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। देश भर के सभी कर्मचारियों को सुबह 9.15 बजे तक कार्यालय में उपस्थित होकर अपनी हाजिरी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा बायोमेट्रिक सिस्टम का उपयोग करने के लिए कहा गया है। आपको बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान बायोमेट्रिक सिस्टम का उपयोग बंद कर दिया गया था, जिसे अब फिर से शुरू किया जा रहा है।

सुबह 9.15 बजे तक पहुंचना होगा ऑफिस
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने 15 मिनट तक की देरी को माफ करने का निर्णय लिया है। लेकिन कर्मचारियों को चेतावनी दी गई है कि यदि वे सुबह 9.15 बजे तक ऑफिस नहीं पहुंचते हैं, तो उनका आधे दिन का आकस्मिक अवकाश काट लिया जाएगा। सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि किसी भी कारण से यदि कर्मचारी किसी विशेष दिन कार्यालय में उपस्थित नहीं हो पाते हैं, तो उन्हें इसकी सूचना देनी होगी और आकस्मिक अवकाश के लिए आवेदन करना होगा।



इलेक्ट्रॉनिक फाइलों पर काम करने का चलन बढ़ा
केंद्र सरकार के कार्यालय सुबह 9 बजे से शाम 5.30 बजे तक खुले रहते हैं, लेकिन अक्सर जूनियर स्तर के कर्मचारी देर से आते हैं और जल्दी चले जाते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों का तर्क है कि ऑफिस का समय निश्चित नहीं है, क्योंकि वे घर से भी काम करते हैं। आमतौर पर वे शाम 7 बजे के बाद कार्यालय से निकलते हैं। इसके अलावा, कोविड-19 महामारी के बाद से इलेक्ट्रॉनिक फाइलों पर काम करने का चलन बढ़ गया है, जिससे अधिकारी और कर्मचारी छुट्टियों और वीकेंड में भी घर से काम करते हैं।

कर्मचारियों देते है ऐसे तर्क
2014 में सत्ता संभालने के बाद मोदी सरकार ने कार्यालय के समय का पालन सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए थे। हालांकि, उस समय कर्मचारियों ने इसका विरोध किया था। कुछ कर्मचारियों ने तर्क दिया था कि वे लंबी दूरी की यात्रा करके कार्यालय पहुंचते हैं, इसलिए समय पर आना मुश्किल होता है। समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए आधार आधारित बायोमेट्रिक सिस्टम भी लगाई गई थी। कई वरिष्ठ अधिकारियों ने कतारों में खड़े होने से बचने के लिए अपनी मेज पर बायोमेट्रिक डिवाइस लगाई थी।

फिर बायोमेट्रिक सिस्टम उपयोग के आदेश
अब सरकार ने फिर से कार्रवाई करते हुए बायोमेट्रिक सिस्टम को बहाल करने के आदेश जारी किए हैं। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी कर्मचारी समय पर कार्यालय पहुंचे और कार्यस्थल पर अनुशासन बना रहे। सरकार का मानना है कि सख्त नियमों और दिशा-निर्देशों से कर्मचारियों में समय की पाबंदी और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा मिलेगा। इससे कार्यालय का माहौल सकारात्मक और पेशेवर बनेगा।

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