UPPCL की कथनी-करनी में फर्क : नियामक आयोग पहुंचा उपभोक्ता परिषद, सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक बुलाने की मांग

 नियामक आयोग पहुंचा उपभोक्ता परिषद, सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक बुलाने की मांग
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Sep 20, 2024 17:13

उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाया कि पावर कारपोरेशन ने बड़ी चालाकी से 40 मीटर की परिधि में उपभोक्ताओं के कनेक्शन में 100 प्रतिशत तक वृद्धि होगी, इस पर चुप्पी साध ली और उस मामले को आगे बढ़ाया गया जहां खंभे लगाकर कनेक्शन देने की बात आएगी।

Sep 20, 2024 17:13

Lucknow News : उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) की तरफ से विद्युत नियामक आयोग (UPERC) में विद्युतीकृत क्षेत्र के लिए 150 किलोवाट तक उपभोक्ताओं के कनेक्शन की दर को फिक्स करने के लिए जो प्रस्ताव दाखिल किया गया है, उसे लेकर सवाल उठने लगे हैं। इस प्रस्ताव में घरेलू व दुकानदार व अन्य विद्युत उपभोक्ता जो 40 मीटर की परिधि में हैं, उनके बिजली कनेक्शन की दरों में लाइन चार्ज में जो वृद्धि की गई है उसकी वजह से आने वाले समय में 100 से अधिक की वृद्धि होना तय है।

भ्रम पैदा करने पर जवाब तलब​ करने की मांग
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा के मुताबिक यूपीपीसीएल की तरफ तरफ से गुरुवार को जारी बयान में अपनी प्रस्तावित व्यवस्था की तारीफ की गई, जिससे प्रदेश में भ्रम की स्थिति बन गई। इसके मद्देनजर अवधेश कुमार वर्मा ने शुक्रवार को विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार और सदस्य संजय कुमार से मुलाकात कर एक प्रस्ताव दाखिल किया। इसमें उन्होंने यूपीपीसीएल पर भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए उनसे जवाब तलब करने व उसके प्रस्ताव को खाजिर या संशोधित करने की मांग उठाई।

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नियामक आयोग ने बताया गंभीर मामला
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने सप्लाई कोड रिव्यू पैनल की सब कमेटी की बैठक बुलाने को कहा है, जिससे आम जनता के बीच स्थिति स्पष्ट हो सके। वहीं विद्युत नियामक आयोग ने भी इसे गंभीर मामला बताया है। आयोग ने कहा है कि इस पर वह कानून की परिधि में विचार करेगा और सप्लाई कोड रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक में इस पर निर्णय किया जाएगा।

नियामक आयोग को सौंपे प्रस्ताव और मीडिया में जारी बयान से उठे सवाल
अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के सामने यह प्रस्ताव रखा​ कि पावर कारपोरेशन की तरफ से जो प्रस्ताव दाखिल किया गया है, उसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि यह प्रस्ताव केवल विद्युतीकृत क्षेत्र के लिए है। ऐसे में पावर कारपोरेशन ने अपने सफाई में इस बात को गोल कर दिया और उसमें यह भी दिखाया गया कि नई बसावटों की अधिक दूरी के कारण विद्युत संयोजन जारी करने में आने वाली कठिनाइयों का भी निराकरण होगा। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि यह बात कैसे आ गई जो प्रस्ताव में है ही नहीं। पावर कारपोरेशन की तरफ से मीडिया को जारी बयान में कहा गया कि 150 किलोवाट तक के उपभोक्ताओं से एस्टीमेट की व्यवस्था समाप्त कर दी गई और आगे यह जोर देकर कहा गया कि प्रस्तावित व्यवस्था के अनुसार विद्यमान लाइन के अधिकतम 250 मीटर की दूरी के अंतर्गत आने वाले आवेदकों से आवेदन के समय एकमुश्त नियत धनराशि जमा कराई जाएगी।

उपभोक्ता परिषद ने इन बिंदुओं पर घेरा
यूपीपीसीएल के मुताबिक इसके बाद लाइन निर्माण ट्रांसफार्मर स्थापना क्षमता वृद्धि आदि काम का उत्तरदायित्व डिस्काम का होगा। जबकि पावर कारपोरेशन की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में दाखिल प्रस्ताव में 1 से 150 किलो वाट तक के विद्युत उपभोक्ताओं के लाइन चार्ज में बढ़ोतरी करके एक प्रस्ताव दिया गया है और उसमें स्पष्ट लिखा गया है की सभी वह विद्युत उपभोक्ता जो 50 किलोवाट के ऊपर कनेक्शन लेंगे उन्हें एचटी पर कनेक्शन दिया जाएगा और उसके आगे जो क्यूबिक इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रांसफार्मर की व्यवस्था है, वह उपभोक्ता द्वारा की जाएगी। यानी उसकी पूरी व्यवस्था उपभोक्ता अपने खर्च पर करेगा। उपभोक्ता परिषद के मुताबिक 50 किलोवाट तक एलटी पर बिना ट्रांसफार्मर के कनेक्शन की व्यवस्था भी पहले से चली आ रही है। फिर पावर कारपोरेशन क्यों यह कह रहा है कि ट्रांसफार्मर और लाइन निर्माण का वहन भी डिस्काम करेगा।

यूपीपीसीएल ने इस मामले में साधी चुप्पी
उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाया कि पावर कारपोरेशन ने बड़ी चालाकी से 40 मीटर की परिधि में उपभोक्ताओं के कनेक्शन में 100 प्रतिशत तक वृद्धि होगी, इस पर चुप्पी साध ली और उस मामले को आगे बढ़ाया गया जहां खंभे लगाकर कनेक्शन देने की बात आएगी। उपभोक्ता परिषद का कहना है कि यूपीपीसीएल को शायद यह नहीं पता है कि विद्युतीकृत क्षेत्र में यदि कहीं भी आम उपभोक्ता को खंबे की आवश्यकता होगी तो उपभोक्ताओं के लिए पहले से यह सुविधा कानून में दी गई है की विद्यमान तंत्र के आगे दो उपभोक्ता एक साथ कनेक्शन मांगेंगे तो उन्हें एक खंभे की लाइन फ्री में विभाग को बनाकर देना होगा। साथ ही विद्युतीकृत क्षेत्र में ज्यादातर घरेलू और छोटे विद्युत उपभोक्ताओं को 40 मीटर के अंदर खंभे से ही कनेक्शन लेना पड़ता है, ऐसे में उसकी दरें कम हो, उस पर बात होनी चाहिए।  

यूपीपीसीएल सवालों के घेरे में
इससे पहले यूपीपीसीएल के अधिकारियों की ओर से कहा गया कि प्रदेश में नए बिजली कनेक्शन की दरों में बड़ी कमी करने की तैयारी की जा रही है। यूपीपीसीएल प्रबंधन ने एक नई व्यवस्था प्रस्तावित की है, जिससे उपभोक्ताओं को कम लागत पर बिजली कनेक्शन मिल सकेगा। इस प्रस्ताव को नियामक आयोग के पास भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन, डॉ. आशीष कुमार गोयल ने दावा किया कि इस कदम से उपभोक्ताओं को बिना किसी परेशानी के निर्धारित दर पर कनेक्शन दिए जाएंगे, जिससे उनके आर्थिक बोझ में कमी आएगी। वर्तमान में 40 मीटर से ज्यादा दूरी के कनेक्शनों के मामले में एस्टीमेट को लेकर शिकायतें मिल रही थी। लेकिन, अब नई व्यवस्था में उनकी ये समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। अब उपभोक्ता परिषद के आपत्ति जताने के बाद यूपीपीसीएल सवालों के घेरे में आ गया है।

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