UP News : भारत, इजराइल और ऑस्ट्रेलिया आम की उपज-गुणवत्ता के लिए तैयार करेंगे रोडमैप

भारत, इजराइल और ऑस्ट्रेलिया आम की उपज-गुणवत्ता के लिए तैयार करेंगे रोडमैप
UPT | केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान।

Sep 20, 2024 17:27

अंतरराष्ट्रीय आम विशेषज्ञों और जैव प्रौद्योगिकी के वैज्ञानिकों की भागीदारी में 21 सितंबर को केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच), रहमानखेड़ा में एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन होगा। इस आयोजन का उद्देश्य आम की उत्पादकता और गुणवत्ता को सुधारने के लिए भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करना है।

Sep 20, 2024 17:27

Lucknow News : भारत, ऑस्ट्रेलिया और इजराइल के आम विशेषज्ञों और जैव प्रौद्योगिकी के वैज्ञानिकों की भागीदारी में 21 सितंबर को केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच), रहमानखेड़ा में एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन होगा। इस आयोजन का उद्देश्य आम की उत्पादकता और गुणवत्ता को सुधारने के लिए भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा करना है। संगोष्ठी का विषय "नेशनल डायलॉग ऑन मैंगो इंप्रूवमेंट एंड स्ट्रेटजीज" रखा गया है, जिसमें देश-विदेश के प्रख्यात वैज्ञानिक, प्रजनक और विशेषज्ञ भाग लेंगे।

राज्य के प्रमुख आम उत्पादक क्षेत्रों को लाभ 
इस संगोष्ठी में जो रणनीतियां बनाई जाएंगी, उनका लाभ पूरे देश के आम बागवानों को मिलेगा, लेकिन उत्तर प्रदेश के किसानों को इससे विशेष रूप से फायदा होगा, क्योंकि राज्य में आम का सबसे अधिक उत्पादन होता है। राज्य के प्रमुख आम उत्पादक क्षेत्रों में लखनऊ का मलिहाबाद दशहरी आम के लिए प्रसिद्ध है, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के आस-पास चौसा प्रजाति की खासी मांग है। संगोष्ठी के दौरान नई तकनीक और शोधों से जुड़े महत्वपूर्ण सुझावों पर विचार किया जाएगा, जो उत्तर प्रदेश के बागवानों के लिए उपयोगी साबित होंगे।



बागवानों को मिलेगा गुणवत्ता और निर्यात में सुधार का लाभ
संगोष्ठी से प्राप्त सुझावों का सीधा लाभ उत्तर प्रदेश के आम उत्पादकों को होगा। राज्य सरकार भी निर्यात के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं बना रही है। सरकार के नेतृत्व में राज्य में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास एक एक्सपोर्ट हब का निर्माण किया जा रहा है, जिससे आम और अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात सुगम होगा। इसके साथ किसानों की उपज की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए मंडियों में कोल्ड स्टोरेज और रायपेनिंग चैंबर का भी निर्माण किया जा रहा है। इससे न केवल स्थानीय बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आम की मांग बढ़ेगी।

क्लस्टर प्रणाली से जोड़ा गया चार हजार बागवान  
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक टी. दामोदरन ने बताया कि आम की गुणवत्ता सुधार और उत्पादन बढ़ाने के लिए क्लस्टर प्रणाली अपनाई गई है। इस प्रक्रिया के तहत मलिहाबाद और सहारनपुर के प्रमुख क्षेत्रों में क्लस्टर बनाकर चार हजार से अधिक बागवानों को जोड़ा गया है। उन्हें बताया जा रहा है कि पुराने बागों का कायाकल्प कैसे किया जा सकता है, जिससे आने वाले वर्षों में उनकी उपज बढ़ेगी और फलों की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। कैनोपी मैनेजमेंट जैसी तकनीकें किसानों को उनके पुराने बागों को फिर से उत्पादक बनाने में मदद कर रही हैं।

फ्रूट प्रोटेक्शन-वाटर रेजिस्टेंस टेक्निक का बेहतर उपयोग
संगोष्ठी के आयोजक सचिव आशीष यादव ने बताया कि केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान की फ्रूट प्रोटेक्शन और वाटर रेजिस्टेंस तकनीक को किसानों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। इस तकनीक में फलों को विशेष कागज के बैग से ढक दिया जाता है, जिससे उन्हें रोगों और कीड़ों से बचाया जा सकता है। इसके अलावा, इस तकनीक से फलों का रंग भी निखर आता है और उनकी गुणवत्ता बढ़ जाती है। प्रत्येक बैग की लागत लगभग दो रुपए है, लेकिन इसके उपयोग से फल बाजार में दोगुने दाम पर बिकने लगते हैं।

स्थानीय रोजगार की संभावना
आम की खेती राज्य के लाखों लोगों के रोजगार का मुख्य साधन है, और फ्रूट प्रोटेक्शन और वाटर रेजिस्टेंस तकनीक के बढ़ते उपयोग से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। पहले ये बैग्स चीन से मंगवाए जाते थे, लेकिन अब भारत के कर्नाटक और आंध्र प्रदेश से इनकी आपूर्ति हो रही है। यूपी के मेरठ और कुछ अन्य शहरों में भी इन बैग्स का उत्पादन शुरू हो चुका है। जैसे-जैसे इस तकनीक की मांग बढ़ेगी, स्थानीय स्तर पर भी इसका निर्माण होने लगेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

वैज्ञानिकों की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी से होगा फायदा
इस संगोष्ठी में विश्व स्तर के प्रमुख वैज्ञानिक भाग लेंगे, जिनमें ऑस्ट्रेलिया की डॉ. नटाली डिलन, इज़राइल के वोल्केनी इंस्टीट्यूट के डॉ. युवल कोहेन, और क्वींसलैंड (ऑस्ट्रेलिया) के डॉ. इयान एस.ई. बल्ली प्रमुख हैं। इनके साथ-साथ भारतीय वैज्ञानिक और विशेषज्ञ भी आम के उत्पादन और गुणवत्ता सुधार पर अपने अनुभव साझा करेंगे। यह संगोष्ठी आम की खेती में नए तकनीकी बदलावों और नवाचारों को प्रोत्साहित करेगी, जिससे भारत के आम उत्पादकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने का मौका मिलेगा। संगोष्ठी का उद्देश्य किसानों को आम की खेती में आने वाली चुनौतियों का समाधान देना और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से उत्पादन बढ़ाने में सहायता प्रदान करना है। यह आयोजन आम की खेती और निर्यात में नई संभावनाओं का द्वार खोल सकता है।

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