केंद्रीय बजट 2024-25 : सरकारी खजाने का आय-व्यय विश्लेषण, पिछले बजट के आंकड़े बताते हैं कहां से आता है और कहां जाता है हर रुपया

सरकारी खजाने का आय-व्यय विश्लेषण, पिछले बजट के आंकड़े बताते हैं कहां से आता है और कहां जाता है हर रुपया
UPT | केंद्रीय बजट 2024-25

Jul 23, 2024 11:41

इसमें सबसे बड़ा योगदान ऋणों और अन्य देनदारियों से आता है, जो कुल बजट के 28 प्रतिशत या प्रति रुपये 28 पैसे का प्रतिनिधित्व करता है। यह आंकड़ा सरकार की ऋण पर निर्भरता को...

Jul 23, 2024 11:41

Short Highlights
  • 23 जुलाई 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश होगा
  • अंतरिम बजट के आंकड़ों के आधार पर सरकारी खजाने के आय-व्यय का विश्लेषण
  • रक्षा मंत्रालय को 6.2 लाख करोड़ रुपये का आवंटन मिला
New Delhi News : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट लोकसभा में पेश करने वाली हैं। इस महत्वपूर्ण आर्थिक दस्तावेज को समझने के लिए यह जानना आवश्यक है कि सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां खर्च होता है। पिछले अंतरिम बजट के आंकड़ों के आधार पर हम सरकारी खजाने के आय-व्यय का विश्लेषण कर सकते हैं।

एक रुपये में कहां से आता है कितना पैसा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा फरवरी में प्रस्तुत किए गए 47.66 लाख करोड़ रुपये के बजट का विश्लेषण करने पर सरकार की आय के विभिन्न स्रोतों का एक स्पष्ट चित्र सामने आता है। यह विश्लेषण प्रत्येक रुपये के आय स्रोत को दर्शाता है, जो सरकार की वित्तीय नीतियों और प्राथमिकताओं को समझने में मदद करता है। इसमें सबसे बड़ा योगदान ऋणों और अन्य देनदारियों से आता है, जो कुल बजट के 28 प्रतिशत या प्रति रुपये 28 पैसे का प्रतिनिधित्व करता है। यह आंकड़ा सरकार की ऋण पर निर्भरता को दर्शाता है, जो एक चिंता का विषय हो सकता है।

दूसरा सबसे बड़ा योगदान आयकर से आता है, जो प्रति रुपये 19 पैसे या कुल बजट का 19 प्रतिशत है। यह व्यक्तिगत करदाताओं के महत्व को रेखांकित करता है। इसके बाद जीएसटी और अन्य कर आते हैं, जो 18 पैसे प्रति रुपये का योगदान देते हैं, जो अप्रत्यक्ष करों के महत्व को दर्शाता है। कॉरपोरेट टैक्स से 17 पैसे प्रति रुपये की आय होती है, जो देश की कॉरपोरेट क्षेत्र से प्राप्त राजस्व को दर्शाता है। गैर-कर प्राप्तियां, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क और गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियां क्रमशः 7, 5, 4 और 1 पैसे प्रति रुपये का योगदान देती हैं।

एक रुपये में कहां कितना खर्च करती है सरकार?
खर्च के मामले में, सरकार के पास आने वाले प्रत्येक रुपये का सबसे बड़ा हिस्सा, 20 पैसे, ब्याज भुगतान में जाता है। इतनी ही राशि राज्यों के कर हिस्से के रूप में भी जाती है। केंद्रीय योजनाओं पर 16 पैसे खर्च होते हैं, जबकि केंद्र प्रायोजित योजनाओं, रक्षा और वित्त आयोग अंतरण पर प्रत्येक 8 पैसे खर्च होते हैं। सब्सिडी, पेंशन और अन्य खर्चों पर क्रमशः 6, 4 और 9 पैसे व्यय किए जाते हैं।

किस मंत्रालय को कितना बजट मिलता है?
भारत सरकार के पिछले बजट में विभिन्न मंत्रालयों को आवंटित राशि के बारे में बात करें तो, इसमें रक्षा मंत्रालय को सबसे अधिक 6.2 लाख करोड़ रुपये का आवंटन मिला, उसके बाद सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को 2.78 लाख करोड़ रुपये का बजट मिला। वहीं रेल मंत्रालय, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और गृह मंत्रालय को क्रमशः 2.55, 2.13 और 2.03 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया। ग्रामीण विकास मंत्रालय को 1.77 लाख करोड़ रुपये का बजट मिला, रसायन और उर्वरक मंत्रालय को 1.68 लाख करोड़ रुपये दिए गए ,तो संचार मंत्रालय को 1.37 लाख करोड़ रुपये और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को 1.27 लाख करोड़ रुपये का आवंटन मिला। 

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