योगी के मंत्री ने करवाई किरकिरी : एमएस स्वामीनाथन को नहीं जानते यूपी के डिप्टी सीएम, बताया 'अंतरिक्ष वैज्ञानिक', देखें वीडियो

एमएस स्वामीनाथन को नहीं जानते यूपी के डिप्टी सीएम, बताया 'अंतरिक्ष वैज्ञानिक', देखें वीडियो
UPT | एमएस स्वामीनाथन को नहीं जानते यूपी के डिप्टी सीएम

Feb 09, 2024 20:15

ब्रजेश पाठक ने एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न मिलने के बाद खुशी जताते हुए बयान दिया। लेकिन उनके इस बयान अब किरकिरी हो गई है। देखें वीडियो

Feb 09, 2024 20:15

Short Highlights
  • ब्रजेश पाठक ने करवाई किरकिरी
  • एमएस स्वामीनाथन को बताया अंतरिक्ष वैज्ञानिक
  • केंद्र सरकार ने किया था भारत रत्न देने का एलान
New Delhi : उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के एक बयान ने उनकी फजीहत करवा दी है। ब्रजेश पाठक ने हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन को 'अंतरिक्ष विज्ञानी' बता दिया है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। वह उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का एलान किया है। इसके बाद कई लोगों की इस पर प्रतिक्रियाएं आईं। इसी मौके पर एक समाचार एजेंसी को बयान देते हुए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक खुशी व्यक्त कर रहे थे. इस दौरान ब्रजेश पाठक ने कहा कि 'स्वामीनाथन जी ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बड़ा काम किया। वह बड़ा नाम हैं। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में पूरी दुनिया में उनका नाम है। वात्सव में यह विज्ञान के क्षेत्र में भारत की क्षमता को सम्मान देने की कोशिश है।'
 
केंद्र सरकार ने किया था भारत रत्न देने का एलान
आपको बता दें कि भारत सरकार ने किसानों के मसीहा कहे जाने वाले नेता और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का एलान किया है। उनके साथ पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का एलान किया है। एमएस स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक माना जाता है.

शुरू से ही कृषि की तरफ रहा स्वामीनाथन का रुझान
स्वामीनाथन की शिक्षा एक स्थानीय हाई स्कूल और बाद में कुंभकोणम के कैथोलिक लिटिल फ्लावर हाई स्कूल में हुई, जहां से उन्होंने 15 साल की उम्र में मैट्रिक किया।  बचपन से ही उनका खेती-किसानी और किसानों से मेल-जोल रहा; उनका विस्तृत परिवार चावल, आम और नारियल उगाता था, और बाद में कॉफी जैसे अन्य क्षेत्रों में विस्तार हुआ। उन्होंने देखा कि फसलों की कीमत में उतार-चढ़ाव का उनके परिवार पर प्रभाव पड़ता है, जिसमें मौसम और कीटों के कारण फसलों के साथ-साथ आय पर होने वाली तबाही भी शामिल है।

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