सिर्फ AMU ही नहीं, बल्कि भारत में कई ऐसे मुस्लिम विश्वविद्यालय हैं, जिन्हें अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त है। अगर AMU को शामिल कर लें, तो ऐसे 3 संस्थान उत्तर प्रदेश में ही हैं।
AMU के अल्पसंख्यक दर्जे पर 'सुप्रीम' मुहर : यूपी में 3, दिल्ली में 2... जानिए भारत में कितनी मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पास है Minority Status
Nov 08, 2024 16:51
Nov 08, 2024 16:51
- यूपी में स्थापित हैं 3 मुस्लिम विश्वविद्यालय
- अलीगढ़ मुस्लिम विवि इसमें से एक
- दिल्ली में हैं 2 अल्पसंख्यक दर्जे वाले संस्थान
यूपी में दो अन्य विश्वविद्यालय
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अलावा उत्तर प्रदेश में दो और मुस्लिम विश्वविद्यालय हैं, जिन्हें अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त है। इसमें एक ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती लैंग्वेज यूनिवर्सिटी है जिसकी स्थापना 1 अक्टूबर 2009 को हुई थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य उर्दू, अरबी और फारसी जैसी भाषाओं के अध्ययन और प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है। यह विश्वविद्यालय राज्य सरकार के अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था और लखनऊ में स्थित है। वहीं मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना 2006 में हुई थी और यह मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय को उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। इस विश्वविद्यालय में यूजी, पीजी और पीएचडी स्तर पर बहुविषयक शिक्षा दी जाती है।
दिल्ली में हैं 2 अल्पसंख्यक दर्जे वाले संस्थान
जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली का प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना 1920 में की गई थी। इसे 1988 में केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ और 2011 में इसे अल्पसंख्यक दर्जा दिया गया। विश्वविद्यालय में मुस्लिम छात्रों के लिए विशेष आरक्षण का प्रावधान है, जिसके तहत सभी पाठ्यक्रमों में 50 प्रतिशत सीटें मुस्लिम छात्रों के लिए आरक्षित होती हैं। जामिया हमदर्द भी दिल्ली में स्थित है, जो आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा शिक्षा में विशिष्टता के लिए जाना जाता है। इसे 1972 में फार्मेसी शिक्षा की शुरुआत के लिए स्थापित किया गया और 1989 में इसे मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय का दर्जा मिला।
हैदराबाद में भी स्थापित हैं संस्थान
तेलंगाना के हैदराबाद में स्थित मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है। इसका नामकरण भारत के पहले शिक्षा मंत्री और स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के नाम पर हुआ था। उस वक्त ये भारत का एकमात्र उर्दू विश्वविद्यालय था। हालांकि बाद में 2016 में आंध्र प्रदेश के कुरनूल में डॉ. अब्दुल हक उर्दू विश्वविद्यालय की स्थापना हो गई। मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय को भी अल्पसंख्यक का दर्जा मिला हुआ है। हैदराबाद में ही उस्मानिया विश्वविद्यालय भी मौजूद है। भले ही इसकी स्थापना मुस्लिम समुदाय द्वारा की गई हो, लेकिन इसे अब एक धर्मनिरपेक्ष विश्वविद्यालय माना जाता है। यह भारत का सातवां सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। यह पहला भारतीय विश्वविद्यालय था जिसमें पढ़ाई उर्दू में होती थी, हालांकि यहां अंग्रेजी को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाता था।
कोलकाता में बना है आलिया विश्वविद्यालय
इसके अलावा पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आलिया विश्वविद्यालय की स्थापना 1869 में मुस्लिम समुदाय को शिक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी। यह पश्चिम बंगाल में मुस्लिम शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है। इसे भी अल्पसंख्यक दर्जा मिला हुआ है और यह शासन के एक स्वायत्त मॉडल के तहत संचालित होता है। वहीं तमिलनाडु में स्थित बीएस अब्दुर रहमान क्रिसेंट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी एक निजी डीम्ड यूनिवर्सिटी है। इसकी स्थापना 1984 में हुई थी। यह तमिलनाडु के पहले स्व-वित्तपोषित इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक था। 10 अप्रैल 1998 को मौलाना मज़हरुल हक़ अरबी और फ़ारसी विश्वविद्यालय की स्थापना पटना में हुई थी। यह विश्वविद्यालय अरबी और फारसी भाषाओं और संस्कृतियों के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण केंद्र है।
कर्नाटक और जोधपुर में भी विवि
जम्मू-कश्मीर में 7 नवंबर 2005 को इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना की गई थी। इसी तरह कर्नाटक के गुलबर्गा में खाजा बंदनवाज़ यूनिवर्सिटी की स्थापना साल 2018 में हुई थी। यह एक निजी विश्वविद्यालय है, जिसे खाजा बंदनवाज़ एजुकेशनल सोसाइटी ने स्थापित किया था। 2013 में राजस्थान के जोधपुर में मौलाना आज़ाद विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। यहां फ़ार्मेसी, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, शिक्षा, विज्ञान, वाणिज्य, कला जैसे कई विषयों में पढ़ाई होती है। इसमें करीब 8000 छात्र पढ़ते हैं।
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