दुष्कर्म पर देश का सबसे कड़ा कानून : दोषियों को दस दिन में मिलेगी फांसी की सजा, इस राज्य ने लगाई मुहर

दोषियों को दस दिन में मिलेगी फांसी की सजा, इस राज्य ने लगाई मुहर
UPT | दुष्कर्म पर देश का सबसे कड़ा कानून

Sep 03, 2024 14:54

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 'अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) 2024' नामक एंटी रेप बिल को पारित कर दिया।

Sep 03, 2024 14:54

Short Highlights
  • दुष्कर्म पर देश का सबसे कड़ा कानून
  • पश्चिम बंगाल विधानसभा ने बिल पारित किया
  • हस्ताक्षर के बाद बनेगा कानून
New Delhi : पश्चिम बंगाल विधानसभा ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 'अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) 2024' नामक एंटी रेप बिल को पारित कर दिया। इस बिल में दुष्कर्म के मामलों में दोषियों के लिए कठोर सजा की व्यवस्था की गई है। बिल के तहत बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड देने का प्रावधान किया गया है, खासकर अगर पीड़िता की हत्या कर दी जाती है। इस बिल का उद्देश्य पश्चिम बंगाल में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और बलात्कार के मामलों में शीघ्र न्याय प्रदान करना है। 

राज्यपाल के पास भेजा गया बिल
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने इस बिल को पश्चिम बंगाल विधानसभा में पेश किया। ममता बनर्जी ने पहले ही ऐलान किया था कि वह दुष्कर्म के मामलों में कड़े कानून लाएंगी। इसके लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था। बीजेपी ने भी इस बिल का समर्थन किया है, जिसे अब राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। 

बिल में सजा के ये प्रावधान
'अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक' की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं: यदि किसी महिला के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी जाती है, तो दोषियों को मृत्युदंड दिया जाएगा। इसके अलावा, बलात्कार के मामलों में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी जाएगी। नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के मामलों में दोषियों को 20 साल की कैद और मृत्युदंड का प्रावधान है। यह विधेयक केंद्र सरकार के मौजूदा कानून में संशोधन के तहत प्रस्तुत किया गया है और 21 दिनों में न्याय सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है।

हस्ताक्षर के बाद बनेगा कानून
बिल पास होने के बाद, इसे राज्यपाल सीवी आनंद बोस के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद ही यह कानून का रूप लेगा। अगर राज्यपाल इस पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं, तो यह राष्ट्रपति के पास भेजा जा सकता है। लेकिन, राज्यपाल की मंजूरी से ही इसे कानून बनाया जा सकेगा। 

अभिषेक बनर्जी ने केंद्र को घेरा
टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार से भी इसी प्रकार का कड़ा कानून लाने की मांग की है, ताकि दुष्कर्म के मामलों में शीघ्र न्याय और कठोर सजा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हर 15 मिनट में एक दुष्कर्म की घटना हो रही है, जिससे एक व्यापक दुष्कर्म विरोधी कानून की आवश्यकता महसूस होती है। ममता बनर्जी ने भी इस बिल का समर्थन किया है और सीबीआई से न्याय की अपेक्षा की है।

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