दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : प्रमाण पत्र के बिना व्हाट्सएप चैट का सबूत के तौर पर नहीं किया जा सकता इस्तेमाल

प्रमाण पत्र के बिना व्हाट्सएप चैट का सबूत के तौर पर नहीं किया जा सकता इस्तेमाल
UPT | delhi high court

Jul 06, 2024 17:05

अनिवार्य सर्टिफिकेट के बिना व्हाट्सएप वीडियो को भी सबूत नहीं माना जा सकता है। बता दें कि एक मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने व्हाट्सएप चैट के कानूनी सबूत न होने की पुष्टि की है...

Jul 06, 2024 17:05

New Delhi News : 1 जुलाई 2024 को देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हुए, जिनमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम में इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस को कानूनी मान्यता दी गई।

लेकिन 5 जुलाई 2024 को इसपर दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया जिसमें कहा गया कि साक्ष्य अधिनियम के तहत प्रमाण पत्र के बिना व्हाट्सएप चैट को साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 226 के तहत रिट याचिका पर विचार करते समय व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट को ध्यान में नहीं रखा जा सकता।

किस मामले में सुनाया फैसला
साल 2022 में जिला आयोग के सामने आदिल फिरोज नामक व्यक्ति द्वारा डेल के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायत में देरी होने के कारण उपभोक्ता अदालत की ओर से डेल पर जुर्माना लगाया गया। हालांकि, इस पर डेल का कहना है कि उन्हें शिकायत की पूरी कॉपी नहीं दी गई थी जिस वजह से जवाब में देरी हुई। अपनी बात को साबित करने के लिए कंपनी की ओर से WhatsApp chat का एक स्क्रीनशॉट भी कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन इसे सबूत के तौर पर अपनाने से कोर्ट ने इनकार कर दिया।

व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट को लेकर कोर्ट ने कहा कि इसे सबूत नहीं माना जाएगा। दिल्ली हाई कोर्ट के जज ने कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के तहत जरूरी प्रमाण पत्र वाले सबूत की ही मान्यता होती है। इसे सबूत न मानने के कारण दिल्ली हाई कोर्ट ने उपभोक्ता अदालत के फैसले को सही माना और डेल की याचिका को भी खारिज कर दिया गया।

कोर्ट ने क्या कहा ?
कोर्ट ने ये साफ कहा कि व्हाट्सएप चैट कानून की नजर में एक मान्य सबूत नहीं है। बिना प्रॉपर सर्टिफिकेट के व्हाट्सएप चैट की कोई मान्यता नहीं होगी। इसे सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 (Indian Evidence Act) के तहत किसी भी सबूत को तभी माना जाता है जब उसे जरूरी प्रमाण पत्र के साथ पेश किया जाता है, लेकिन कोर्ट की नजर में व्हाट्सएप चैट मान्य नहीं है।

अनिवार्य सर्टिफिकेट के बिना व्हाट्सएप वीडियो को भी सबूत नहीं माना जा सकता है। बता दें कि एक मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने व्हाट्सएप चैट के कानूनी सबूत न होने की पुष्टि की है।

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