बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू राष्ट्र और कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर के सनातन बोर्ड की मांग के बाद अब प्रयागराज महाकुंभ से किसान राष्ट्र और किसान बोर्ड बनाने की मांग उठने लगी है।
महाकुंभ में किसान बोर्ड की मांग तेज : किसानाचार्य ने उठाई अन्नदाताओं के लिए आवाज, मंदिर बना आंदोलन का केंद्र
Dec 24, 2024 17:22
Dec 24, 2024 17:22
महाकुंभ 2025 के दौरान विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक मांगों के बीच अब किसान राष्ट्र और किसान बोर्ड बनाने की आवाज भी बुलंद होने लगी है। विश्व के पहले किसान पीठाधीश्वर किसानाचार्य स्वामी शैलेंद्र योगीराज ने यह मांग उठाई है। उनका कहना है कि किसान देश के अन्नदाता और देवता के समान हैं। ऐसे में उन्हें उचित सम्मान और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कदम उठाए जाने चाहिए।
किसान राष्ट्र की मांग
स्वामी शैलेंद्र योगीराज ने कहा है कि अगर भारत को किसान राष्ट्र घोषित किया जाता है तो देश के किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। उन्होंने जोर देते हुए कहा किसान हमारे लिए भगवान से कम नहीं। यदि किसान राष्ट्र बनेगा, तो यह न केवल किसानों के हित में होगा, बल्कि देश की समृद्धि और स्थिरता को भी सुनिश्चित करेगा।
किसान बोर्ड की आवश्यकता
स्वामी योगीराज ने यह भी मांग की है कि किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर किसान बोर्ड की स्थापना की जानी चाहिए। यह बोर्ड किसानों की उपज के सही मूल्य, उनकी समस्याओं और सुझावों को सरकार तक पहुंचाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि एक संगठित मंच से किसानों की समस्याओं का समाधान करना आसान होगा।
किसान देवता का मंदिर और किसान रथ यात्रा
स्वामी शैलेंद्र योगीराज ने प्रतापगढ़ जिले के पट्टी तहसील के सराय महेश गांव में विश्व का पहला किसान देवता मंदिर स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के बाद वह इस मंदिर से पूजा-अर्चना कर किसान रथ यात्रा निकालेंगे। इस यात्रा के दौरान देश के 36 राज्यों में किसान संगठन खड़े किए जाएंगे। प्रदेश संयोजकों की नियुक्ति के बाद जिला, तहसील, ब्लॉक और गांव स्तर पर संगठन तैयार किए जाएंगे। इन संगठनों के माध्यम से देश को किसान राष्ट्र घोषित करने की मांग को व्यापक स्तर पर उठाया जाएगा।
गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग
किसानों की समस्याओं के साथ-साथ स्वामी योगीराज ने गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग भी की। उन्होंने कहा गाय हमारी संस्कृति और अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है। देश के कई राज्यों में इसे राज्य माता का दर्जा मिला है। अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देने की जरूरत है।" उन्होंने द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के प्रयासों की सराहना की और केंद्र सरकार से गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की अपील की।
महाकुंभ से किसान आंदोलन को नया आयाम
महाकुंभ 2025 के दौरान किसान पीठाधीश्वर स्वामी शैलेंद्र योगीराज की यह पहल किसानों के अधिकारों और सम्मान की दिशा में एक नई शुरुआत के रूप में देखी जा रही है। उनका कहना है कि यह आंदोलन केवल मांगों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जमीनी स्तर पर संगठन के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने का प्रयास करेगा।
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