इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महावपूर्ण फैसले में कहा कि अपराध की गंभीरता के आधार पर नाबालिग को जमानत देने से इनकार नहीं किया जा सकता। नाबालिग की जमानत पर विचार करते वक्त दंडात्मक उपायों की जगह सुधार...
Prayagraj News : हाईकोर्ट ने कहा- अपराध के आधार पर नाबालिग को जमानत से नहीं कर सकते इनकार
![हाईकोर्ट ने कहा- अपराध के आधार पर नाबालिग को जमानत से नहीं कर सकते इनकार](https://image.uttarpradeshtimes.com/add-a-heading-2024-06-10t133514100-43459.jpg)
Jun 10, 2024 13:36
Jun 10, 2024 13:36
- अपराध की गंभीरता के आधार पर नाबालिग को जमानत देने से इन्कार नहीं कर सकते।
- नाबालिग को दंडात्मक उपायों की जगह सुधार और पुनर्वास पर ध्यान देना चाहिए।
ये है पूरा मामला
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने कहा कि किसी नाबालिग की दंडात्मक उपाय की जगह सुधार और पुनर्वास पर ध्यान देने की जरूरत है। अदालत ने ये बातें शाहजहांपुर के बाल न्यायालय और किशोर न्याय बोर्ड की ओर से नाबालिग की जमानत खारिज करने के आदेश को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण याचिका को सुनते हुए कहा है।
हत्या के मामले में नाबालिग को बनाया आरोपी
मामला शाहजहांपुर के तिलहर थाना क्षेत्र का है। एक हत्या के एक मामले में नाबालिग को आरोपी बनाया गया था। इस मामले के सह अभियुक्त राजेश, अखिलेश, मिथलेश और कमलेश जमानत पर रिहा हो चुके हैं। लेकिन, नाबालिग की जमानत अर्जी किशोर न्याय बोर्ड ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि मामला हत्या जैसे जघन्य अपराध का है। बोर्ड के इस आदेश के खिलाफ बाल न्यायालय की विशेष न्यायाधीश की अदालत में दाखिल अपील में भी न्याय बोर्ड के आदेश की पुष्टि कर दी गई। उसके बाद इस आदेश के खिलाफ नाबालिग ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
Also Read
![आपराधिक मामलों में पासपोर्ट जब्ती अनिवार्य नहीं, 'हो सकता है' शब्द पर दिया जोर आपराधिक मामलों में पासपोर्ट जब्ती अनिवार्य नहीं, 'हो सकता है' शब्द पर दिया जोर](https://image.uttarpradeshtimes.com/untitled-design-83-32930.jpg)
27 Jul 2024 08:20 AM
न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने पासपोर्ट अधिनियम में प्रयुक्त 'हो सकता है' शब्द पर विशेष ध्यान देते हुए कहा कि विधानमंडल ने इस शब्द का प्रयोग जानबूझकर... और पढ़ें