इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक-प्रशिक्षण विभाग के सचिव और उत्तर प्रदेश सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख...
इलाहाबाद हाईकोर्ट का केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस : कहा- अलग रह रहे दंपत्ति के गुजारा भत्ते का नियम बनाएं
Oct 17, 2024 12:01
Oct 17, 2024 12:01
कोर्ट ने दिए आदेश
यह निर्देश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति दोनादी रमेश की पीठ ने नीरज कुमार ठाकरे उर्फ पिंटू की अपील पर दिया। अपीलकर्ता भारतीय सेना में लांस नायक/सिपाही के पद पर कार्यरत हैं और उनका मासिक वेतन 50 हजार रुपये है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इन नियमों को पारिवारिक न्यायालयों, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान को 31 मार्च 2025 तक सूचित किया जाना चाहिए। यह कदम उन कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है। जिनके जीवनसाथी अलग रहते हैं और जिन्हें भरण-पोषण भत्ते की आवश्यकता है।
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जानिए क्या था मामला
नीरज कुमार ठाकरे के मामले में यह देखा गया कि वैवाहिक विवाद के चलते उनके वेतन का 22 प्रतिशत उनकी पत्नी को देय है। जैसा कि सेना अधिनियम में वर्णित है। हालांकि, उनकी पत्नी ने हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 24 के तहत तलाक प्रक्रिया के दौरान भी भरण-पोषण के लिए आवेदन किया है। इसके अतिरिक्त पत्नी ने घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत भी भरण-पोषण की मांग की है।
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