इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि यदि प्रधानपति प्रथा को बढ़ावा दिया गया, तो यह महिला सशक्तिकरण और महिलाओं को विशिष्ट आरक्षण देने के उद्देश्य को विफल कर देगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी : 'प्रधानपति' प्रथा को बताया चिंताजनक, कहा- रबर स्टाम्प की तरह इस्तेमाल की जा रहीं महिला प्रधान
Jul 27, 2024 18:09
Jul 27, 2024 18:09
ये भी पढ़ें : इलाहाबाद हाईकोर्ट की पुलिस को फटकार : गैंगस्टर एक्ट का दुरुपयोग कर रहे अधिकारी, कोर्ट में ऋग्वेद, बाइबिल और कुरान का जिक्र
इस मामले की सुनवाई के दौरान की टिप्पणी
यह मामला शंकरगढ़ क्षेत्र के पहाड़ी कला गांव का है, जहां के निवासी अधिवक्ता प्रवीण कुमार सिंह ने याचिका दायर की थी। उनका आरोप था कि गांव में प्रधान द्वारा मनरेगा के तहत कराए गए कार्यों में उनकी शिकायत पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई नहीं की। इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए डीएम को निर्देश दिया कि भविष्य में होने वाले चुनावों में प्रत्याशियों से हलफनामा लिया जाए कि महिला प्रधान अपने कर्तव्यों और पदीय दायित्व को स्वयं निभाएगी। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि निर्वाचित महिला प्रधानों को अपने अधिकार और जिम्मेदारियों को पति को हस्तांतरित करने का अधिकार नहीं है और प्रधानपति की कार्यों में कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए।
\
'प्रधानपति' प्रथा को बताया चिंताजनक
मामले की सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की कि प्रधानपति शब्द उत्तर प्रदेश में बहुत आम हो गया है, और अक्सर महिला प्रधानों की जगह उनके पति कार्यभार संभालते हैं। इस तरह का अनधिकृत हस्तक्षेप महिला सशक्तिकरण और आरक्षण की धारणा को कमजोर करता है। कोर्ट ने कहा कि इस प्रथा से न केवल महिलाओं की स्वतंत्रता प्रभावित होती है, बल्कि उनके अधिकारों और कर्तव्यों को भी कमजोर किया जाता है।
प्रधानपति के खिलाफ दर्ज हुई था मामला
मामले की शुरुआत तब हुई जब प्रवीण कुमार सिंह ने प्रधानपति धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ शिकायत की थी। इस शिकायत के बाद दोनों पक्षों में विवाद और मारपीट हुई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों मामलों की जांच की और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए कहा कि पुलिस ने जांच में लापरवाही की है और घटनास्थल पर मौजूद सरकारी अधिकारियों के बयान तक दर्ज नहीं किए गए।
ये भी पढ़ें : Mahakumbh 2025 : शाही पेशवाई की तिथियों का एलान, विजयदशमी पर नागा संन्यासी प्रयागराज के लिए करेंगे प्रस्थान
प्रधानपति पर 50 हज़ार हर्जाना
कोर्ट ने प्रधानपति धर्मेंद्र सिंह पर अनावश्यक हस्तक्षेप और अधिकारियों की जांच में दखल देने के कारण 50 हज़ार रुपये का हर्जाना लगाया। इसके साथ ही, प्रवीण सिंह के खिलाफ चार्जशीट और समन आदेश को रद्द कर दिया गया। यह टिप्पणी सरकार और प्रशासन के लिए एक संकेत है कि महिला प्रधानों की स्वायत्तता की रक्षा की जानी चाहिए और उन्हें रबर स्टाम्प की तरह इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
Also Read
16 Sep 2024 10:28 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद से देशवासियों को सात वंदे भारत ट्रेनों की सौगात दी, जिसमें उत्तर प्रदेश को एक विशेष उपहार मिला। यूपी के लिए आठ कोच वाली नई वंदे भारत ट्रेन आगरा से वाराणसी के बीच चलने वाली है। और पढ़ें