जगतगुरु रामभद्राचार्य को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राम मंदिर पर दिए गए बयान और बिहार में एक जाति पर टिप्पणी के मामले में नोटिस जारी किया है। ये नोटिस प्रयागराज के एक सख्श की उन पर एफ आई आर दर्ज कराने की अपील के मामले में जारी किया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट : विवादित बयान पर दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलाधिपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य को नोटिस जारी
Aug 13, 2024 18:16
Aug 13, 2024 18:16
- याची के अधिवक्ता की दलील है कि रामभद्राचार्य ने जानबूझकर जातिगत आधार पर टिप्पणी की
- इससे पहले याची ने जिला अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन याचिका खारिज हो गई थी
बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था
जगतगुरु रामभद्राचार्य का अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के संदर्भ में दिया गया बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। इस बयान में उन्होंने कहा था, "मरे मुलायम कांशीराम, प्रेम से बोलो जय श्रीराम," जो रामभक्तों के बीच काफी चर्चा का विषय बन गया था। इस बयान से कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं और इसके बाद विवाद खड़ा हो गया। इसके कुछ दिनों बाद, रामभद्राचार्य ने बिहार में आयोजित एक सत्संग के दौरान एक विशेष जाति पर टिप्पणी की, जिससे उस जाति के लोगों में आक्रोश फैल गया।
प्रयागराज के एक व्यक्ति ने रामभद्राचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की
इस विवाद के चलते प्रयागराज के एक व्यक्ति ने रामभद्राचार्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की और इसके लिए हाईकोर्ट से अपील की है। इससे पहले, याची ने जिला अदालत में इस मामले को उठाया था, जहां न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत अर्जी दाखिल की गई थी। हालांकि, अदालत ने पोषणीयता के आधार पर इस अर्जी को खारिज कर दिया। इसके बाद, याची ने ट्रायल कोर्ट के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याची के अधिवक्ता ब्रजमोहन सिंह ने दलील दी है कि रामभद्राचार्य ने जानबूझकर जातिगत आधार पर टिप्पणी की, जो समाज में विभाजन और विवाद को बढ़ावा दे सकती है। हाईकोर्ट ने इस मामले में जगद्गुरु रामभद्राचार्य से जवाब तलब किया है, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है। इस घटना ने एक बार फिर सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर चर्चा को जन्म दिया है।
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