यह आदेश बेसिक शिक्षा निदेशक को दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि अगर वह एक हफ्ते के भीतर भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें 30 सितंबर को अदालत में अवमानना की कार्यवाही के लिए हाजिर होना होगा...
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : बलिया के शिक्षक को मिलेगा 26 साल का 1.25 करोड़ रुपये बकाया वेतन
Sep 28, 2024 13:04
Sep 28, 2024 13:04
- इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
- बलिया के शिक्षक को 26 साल से बकाया वेतन के भुगतान का आदेश
- सरकार को 88 लाख रुपये ब्याज के रूप में चुकाने पड़ेंगे
जानें पूरा मामला
दरअसल, यह पूरा मामला बलिया के जूनियर हाईस्कूल के शिक्षक लक्ष्मण प्रसाद कुशवाहा द्वारा दायर अवमानना याचिका से संबंधित है। उनकी नियुक्ति 2 जुलाई 1994 को मृतक आश्रित कोटे में हुई थी, लेकिन तब से उन्हें वेतन नहीं मिला। उच्च न्यायालय ने 22 अप्रैल 2002 को उनकी याचिका मंजूर की थी और बेसिक शिक्षा अधिकारी को नियमित वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया था, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं किया गया।
आदेश के बावजूद नहीं किया गया भुगतान
जिसके बाद, लक्ष्मण प्रसाद ने 2009 में एक अन्य याचिका भी दायर की, जिसमें बकाया वेतन और ब्याज के भुगतान का आदेश देने की मांग की गई। हालांकि, इस बार भी कोई भुगतान नहीं हुआ। मजबूर होकर उन्होंने 2009 में अवमानना याचिका दायर की, जो अब तक लंबित है। इस मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने शिक्षा विभाग से जवाबी हलफनामा मांगा।
30 सितंबर तक करना होगा भुगतान
इन सब के बाद, अदालत ने यह पाया कि निदेशक की स्वीकृति का अभाव है और शिक्षक 14 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। इसके परिणामस्वरूप, शिक्षक को मिलने वाले धन की ब्याज राशि 88 लाख रुपये से अधिक हो चुकी है। अदालत ने इस पर आश्चर्य व्यक्त किया कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते सरकार को यह बड़ा भुगतान करना पड़ेगा, जो देश के करदाताओं के पैसे से होगा। अदालत ने बेसिक शिक्षा निदेशक को 30 सितंबर तक लक्ष्मण प्रसाद का पूरा बकाया भुगतान करने का आदेश दिया है। यदि वह इस आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें अदालत में अवमानना का सामना करना पड़ सकता है।
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