इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी : प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की अनुपस्थिति पर उठाया सवाल, कहा- शिक्षा की जड़ें हो रही हैं खोखली

प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की अनुपस्थिति पर उठाया सवाल, कहा- शिक्षा की जड़ें हो रही हैं खोखली
UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Oct 19, 2024 14:47

प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षकों की जिम्मेदारी पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को शिक्षकों की अनुपस्थिति को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। न्यायमूर्ति अजय...

Oct 19, 2024 14:47

Prayagraj News : प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षकों की जिम्मेदारी पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को शिक्षकों की अनुपस्थिति को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। न्यायमूर्ति अजय भनोट की पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षकों की गैरहाजिरी से प्राथमिक शिक्षा की नींव कमजोर हो रही है। जो समाज के भविष्य को प्रभावित कर रही है। कोर्ट ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई करें और इस समस्या को जल्द से जल्द समाप्त करें।

बुलंदशहर की शिक्षिका पूनम रानी की याचिका खारिज
यह टिप्पणी बुलंदशहर की शिक्षिका पूनम रानी की याचिका की सुनवाई के दौरान की गई। जिनकी शिकायत पर अदालत ने फैसला सुनाया। पूनम रानी को उनके अनियमित स्कूल उपस्थिति के कारण पूर्व माध्यमिक विद्यालय अनहेड़ा से संबद्ध कर उच्च प्राथमिक विद्यालय सैमाली में स्थानांतरित कर दिया गया था। बाद में उनकी संबद्धता रद्द कर दी गई और उन्हें पुनः जूनियर हाईस्कूल अनहेड़ा में तैनात किया गया। इस स्थानांतरण आदेश को उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।


स्थानांतरण सेवा का हिस्सा है: कोर्ट
कोर्ट ने अपने निर्णय में साफ किया कि स्थानांतरण सेवा का हिस्सा है और इसका मकसद प्रशासनिक जरूरतों को पूरा करना है। स्थानांतरण के संबंध में न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित होता है और केवल दुर्भावना या वैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन के आधार पर ही इसे चुनौती दी जा सकती है। किसी भी कर्मचारी को किसी विशेष स्थान पर अनिश्चित काल तक रहने का अधिकार नहीं है।

शिक्षिका की गैरजिम्मेदाराना कार्यशैली के खिलाफ हुई शिकायतें
इस मामले में पूनम रानी के खिलाफ कई गंभीर शिकायतें प्राप्त हुई थीं। ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की थी कि वह समय से स्कूल नहीं पहुंचती थीं और स्कूल समय से पहले छोड़ देती थीं। कोर्ट ने पाया कि उनके खिलाफ समयबद्धता से जुड़ी शिकायतें उचित थीं और कोई दुर्भावना का मामला नहीं था। इसके अलावा याचिका भी तीन साल की देरी के बाद दायर की गई थी। जिससे कोर्ट ने इसे और भी कमजोर माना।

ये भी पढ़े : बरेली को मिला एक और तोहफा, वंदे भारत के बाद अब अमृत भारत एक्सप्रेस की मिलेगी सेवा

कोर्ट की सख्त चेतावनी
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में इस बात पर भी जोर दिया कि प्राथमिक शिक्षा किसी भी समाज की नींव होती है और इसमें सुधार के लिए शिक्षकों की जिम्मेदारी सबसे अहम है। शिक्षकों की अनुपस्थिति न केवल बच्चों के शैक्षणिक विकास को बाधित करती है बल्कि शिक्षा व्यवस्था की जड़ों को भी कमजोर करती है। न्यायालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग को कठोर कदम उठाने का निर्देश दिया। जिसमें कहा कि स्कूलों में शिक्षक समय पर उपस्थित रहें और अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाएं।

Also Read

सात स्तरीय सुरक्षा चक्रव्यूह में 37 हजार पुलिसकर्मी होंगे तैनात, टूटेगा पिछले कुंभों का रिकार्ड

19 Oct 2024 05:42 PM

प्रयागराज प्रयागराज महाकुंभ 2025 : सात स्तरीय सुरक्षा चक्रव्यूह में 37 हजार पुलिसकर्मी होंगे तैनात, टूटेगा पिछले कुंभों का रिकार्ड

महाकुंभ को अंतरराष्ट्रीय स्तर की बुनियादी सुविधाओं से लैस करने के साथ-साथ सुरक्षा के दृष्टिकोण से इसे पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए विस्तृत रणनीतियां तैयार की गई हैं... और पढ़ें