महाकुंभ में 51 किलो वजन का शिवलिंग कर रहा आकर्षित : जानें, भारत के अलावा किस देश से लाए गए दुर्लभ रुद्राक्ष से है निर्मित

जानें, भारत के अलावा किस देश से लाए गए दुर्लभ रुद्राक्ष से है निर्मित
UPT | निरंजनी अखाड़े में बना 51 किलो वजन वाला रुद्राक्ष का शिवलिंग।

Jan 08, 2025 14:28

प्रयागराज महाकुंभ में निरंजनी अखाड़ा 51 किलो रुद्राक्ष से बने साढ़े 8 फीट ऊंचे शिवलिंग के कारण आकर्षण का केंद्र बना है। नेपाल और भारत से लाए दुर्लभ रुद्राक्षों से निर्मित यह शिवलिंग धार्मिक और आध्यात्मिक महत्ता के लिए श्रद्धालुओं को खींच रहा है।

Jan 08, 2025 14:28

Prayagraj News : प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले के दौरान निरंजनी अखाड़ा एक विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां पर स्थापित किया गया रुद्राक्ष से निर्मित 51 किलो वजन और साढ़े 8 फीट ऊंचा शिवलिंग श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींच रहा है। यह अद्भुत शिवलिंग न केवल अपनी भव्यता के लिए बल्कि अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक महत्ता के लिए भी चर्चा में है।
 
रुद्राक्ष का विशेष महत्व
हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र और शिव का स्वरूप माना जाता है, 51 किलो रुद्राक्ष से निर्मित इस शिवलिंग को खासतौर पर नेपाल और भारत के विभिन्न हिस्सों से लाए गए प्राचीन और दुर्लभ रुद्राक्षों से तैयार किया गया है। इस शिवलिंग को बनाने में कारीगरों और शिल्पकारों ने महीनों तक मेहनत की। 
 
शिवलिंग की विशेषताएं
  • वजन और आकार : शिवलिंग का वजन 51 किलो है और इसकी ऊंचाई साढ़े 8 फीट है, जो इसे भव्य और अद्वितीय बनाता है।
  • डिजाइन और संरचना : शिवलिंग का हर हिस्सा रुद्राक्ष की पवित्र माला से सजाया गया है। इसमें शिवलिंग के चारों ओर त्रिपुंड और ओम के प्रतीक उकेरे गए हैं। इस शिवलिंग को महाकाल का स्वरूप दिया गया है। 
  • स्थापना विधि : इसे महाकुंभ के दौरान विशेष वैदिक मंत्रोच्चार और पूजा-अर्चना के बाद स्थापित किया गया। 
श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र
यह शिवलिंग निरंजनी अखाड़े के प्रमुख पंडाल में रखा गया है, जहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। रुद्राक्ष से बने इस शिवलिंग को देखने के लिए देशभर से भक्तों का आना जारी है। श्रद्धालु मानते हैं कि इस शिवलिंग के दर्शन और अभिषेक से शिव कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।
 
पूजा-अर्चना का विशेष महत्व 
महाकुंभ के दौरान यहां रोजाना संतो द्वारा विशेष रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप का आयोजन किया जा रहा है। इस शिवलिंग पर दूध, जल, चंदन और गंगाजल से अभिषेक किया जा रहा है। साथ ही, भक्त रुद्राक्ष की माला चढ़ाकर अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
 
निरंजनी अखाड़े के महंत का बयान
निरंजनी अखाड़े के महंत रविंद्र पूरी ने बताया कि इस शिवलिंग को स्थापित करने का उद्देश्य शिवभक्तों को भगवान शिव के प्रति गहरी आस्था और विश्वास का अनुभव कराना है। उन्होंने कहा कि यह शिवलिंग शिवभक्तों के लिए एक अनमोल धरोहर है और इसके दर्शन मात्र से आत्मिक शांति प्राप्त होती है। महाकुंभ के इस अद्वितीय आयोजन में रुद्राक्ष से बना यह शिवलिंग निश्चित ही श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कर रहा है। 

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